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लखनऊ: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) के लगातार आगाह करने के बावजूद भी लॉकडाउन में मेट्रो कॉरिडोर के नज़दीक पतंगबाजी कम नहीं होने से UPMRC ने प्राथमिकी दर्ज कराई जिसके बाद पतंगबाजी कम हुई है। लखनऊ मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व में पुलिस विभाग को UPMRC ने अवगत कराया था कि निशातगंज, बादशाह नगर, आईटी चौराहा, परिवर्तन चौक और आलमबाग़ के इलाकों में पतंगबाज़ी बहुत होती है और लखनऊ मेट्रो का उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर इन इलाकों से ही होकर गुज़रता है।
कम हो गईं पतंगबाजी की घटनाएं
मेट्रो सुरक्षा कर्मचारियों एवं पुलिस की सक्रियता के फलस्वरूप उक्त इलाकों में मेट्रो कॉरिडोर के नज़दीक पतंगबाज़ी की घटनाएं कम हो गईं। इस सम्बन्ध में मेट्रो के अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि समस्त मेट्रो स्टेशनों में नियुक्त सुरक्षा गार्डों को सूचित करें कि मेट्रो ट्रैक/लाइन के निकट पतंग उड़ाने वालों पर नज़र रखें तथा आवश्यकता पड़ने पर 112 नंबर डायल करके सूचित कर उन पर कार्रवाई कराएं तथा उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के सुरक्षा अधिकारियों को भी सूचित करें ताकि उसपर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा सके।
विद्युत आपूर्ति में पहुंच रही थी बाधा
इससे पहले एक अधिकारी ने बताया था कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस से परेशान है लेकिन लखनऊ मेट्रो के अधिकारी महामारी के साथ ही इस लॉकडाउन के दौरान शहरवासियों की पतंगबाजी से भी परेशान हैं। पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल किये जा रहे मांझे के बिजली के तारों से टकराने से मेट्रो की विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है। उत्तर प्रदेश मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक आम दिनों में भी पतंग उड़ाने के कारण कभी-कभार ऐसे एक-दो मामले सामने आते थे लेकिन बंद की वजह से लोग जमकर पतंगबाजी का लुत्फ ले रहे हैं और इस वजह से बिजली आपूर्ति बाधित होने के मामलों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
महंगा पड़ सकता है यूं पतंग उड़ाना
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘लोग कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर लगाए गए देशव्यापी बंद के दौरान धातु के धागों/तारों और चाइनीज मांझे से मेट्रो कॉरिडोर के आस-पास पतंग उड़ाने से बचें, क्योंकि 25000 वॉट के वोल्टेज वाली ‘ओवर हेड इक्विपमेंट’ (OHE) से दुर्घटना भी हो सकती है और लोग इसका शिकार होकर घायल भी हो सकते हैं।’