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किसान महापंचायत के लिए PAC की छह कंपनियां, RAF की दो कंपनियां होंगी तैनात

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के महासचिव और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मोर्चा के सदस्य युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान महापंचायत में केंद्रीय कृषि कानून, गन्ना समर्थन मूल्य और बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 

Edited by: Bhasha
Published : September 04, 2021 12:57 IST
kisan mahapanchayat heavy security arrangement done by UP Govt किसान महापंचायत के लिए PAC की छह कंपन
Image Source : PTI (FILE) किसान महापंचायत के लिए PAC की छह कंपनियां, RAF की दो कंपनियां होंगी तैनात

मुजफ्फरनगर. केंद्रीय कृषि कानूनों सहित किसानों से जुड़े मुद्दों पर रविवार को होने वाली ‘किसान महापंचायत’ के लिए प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की छह कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो कंपनियां तैनात की जाएंगी।

सहारनपुर रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) प्रीतिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराई जाएगी जबकि पांच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), सात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) और 40 पुलिस निरीक्षक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहेंगे।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के महासचिव और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मोर्चा के सदस्य युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान महापंचायत में केंद्रीय कृषि कानून, गन्ना समर्थन मूल्य और बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र सहित देश भर के किसान कार्यक्रम में भाग लेंगे। 

चुनाव मोड में न रहें, यह किसान विरोधी: SKM

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत से पहले शुक्रवार को राजनीतिक पार्टियों से कहा कि वे चुनावी मोड में न आएं और वे चुनाव प्रचार करने से परहज़ करें। संगठन ने उनके प्रचार को ‘किसान विरोधी साजिश’ बताया। अलग-अलग किसान संघों के संगठन एसकेएम ने एक बयान कहा कि चुनाव प्रचार "महीनों से किसानों द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण संघर्ष से ध्यान भटकाएगा।"

एसकेएम ने कहा, “आम तौर पर चुनाव से संबंधित प्रचार चुनाव की तारीखों से कुछ महीने पहले शुरू हो जाता है” लेकिन विभिन्न दल पहले ही चुनाव मोड में आ गए हैं और असामान्य गतिविधियां कर रहे हैं। बयान में कहा गया है, “हम केवल यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि यह एक किसान विरोधी साजिश है, जो किसानों द्वारा महीनों से किए जा रहे महत्वपूर्ण संघर्ष से ध्यान भटकाने के लिए है। हमने उनसे कहा है कि अगर वे किसानों के संघर्ष के सच्चे समर्थक हैं तो वे चुनाव प्रचार से परहेज़ करें।”

इसमें कहा गया है कि किसान भाजपा और उसके सहयोगी दलों के नेताओं के खिलाफ अपना विरोध तेज कर रहे हैं, और उन्होंने कुछ कार्यक्रमों के संबंध में हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को अल्टीमेटम दिया है। एसकेएम ने कहा, “हरियाणा के रेवाड़ी के किसानों ने मुख्यमंत्री (मनोहर लाल खट्टर) को पांच सितंबर को रेवाड़ी में निर्धारित कार्यक्रम में आने को लेकर आगाह किया है और कहा है कि किसान निश्चित रूप से काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे। हिमाचल प्रदेश में, किसानों ने जब तक कि उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तबतक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को शिलाई में आगामी कार्यक्रम में भाग लेने के खिलाफ चेतावनी दी है।” 

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