अयोध्या: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के ध्यान का केन्द्र बने अयोध्या से इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर महापौर पद की किन्नर प्रत्याशी गुलशन बिंदु भाजपा समेत अपने तमाम प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करेंगी। राजनीतिक पृष्ठभूमि वाली बिंदु के मैदान में उतरने से पहली बार नगर निगम बने इस क्षेत्र में महापौर का चुनाव खासा दिलचस्प होने की सम्भावना है।
वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में अयोध्या से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ी बिंदु ने 22023 वोट हासिल करके प्रतिद्वंद्वियों को कड़ी टक्कर दी थी। उस चुनाव में सपा प्रत्याशी तेज नारायण पाण्डेय उर्फ पवन पाण्डेय ने जीत हासिल की थी, जबकि बिन्दू चौथे स्थान पर रही थीं। बिंदु ने आज कहा कि वह पार्टी की तरफ से महापौर के चुनाव का टिकट दिए जाने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की शुक्रगुजार हैं। वह उनकी उम्मीदों पर खरी उतरने की पूरी कोशिश करेंगी। उनका नारा होगा ‘‘ना मुस्लिम ना हिन्दू, अबकी गुलशन बिन्दू।’’
उल्लेखनीय है कि अयोध्या-फैजाबाद पहली बार नगर निगम क्षेत्र घोषित हुआ है। बिंदु ने पूर्व में तत्कालीन अयोध्या नगर पालिका के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था और वह भाजपा प्रत्याशी के हाथों महज 200 मतों से पराजित हुई थीं।
अपने चुनावी मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ‘‘मेरा कोई परिवार नहीं है। अयोध्या की जनता ही मेरा परिवार है। मैं उसे भरोसा दिलाना चाहती हूं कि अगर उसने मुझे मेयर चुना तो वह देखेगी कि विकास असल में होता क्या है।’’ बिंदु ने विश्वास व्यक्त किया कि जब वह चुनाव प्रचार के लिए निकलेंगी तो उन्हें हर वर्ग का सहयोग मिलेगा। जनता को विकास चाहिए। उसे जाति और धर्म की राजनीति से कोई मतलब नहीं है। जनता जानती है कि विकास का वादा सिर्फ मैं ही पूरा करूंगी।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या-फैजाबाद नगर निगम के विभिन्न पदों का चुनाव पहले चरण में आगामी 22 नवम्बर को होगा। प्रदेश के 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिका परिषदों तथा 438 नगर पंचायतों के लिए तीन चरणों में 22, 26 और 29 नवम्बर को मतदान होगा।
कौन है गुलशन बिंदु?
40 वर्षीय किन्नर गुलशन बिंदु का जन्म दिल्ली के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह मूलरूप से बिहार के सीतामणि की रहने वाली हैं। 5 साल की उम्र में ही किन्नर समाज ने उन्हें गोद ले लिया था। लंबे समय तक दिल्ली में रहने के बाद बिंदु ने अयोध्या का रुख किया और अपने पेशे से अलग लोगों की सेवा करने का बीड़ा उठाया।