मुजफ्फरनगर: रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज दावा किया कि खतौली के स्टेशन मास्टर ने ट्रैक की मरम्मत के लिए रेल यातायात रोकने के बारे में दिल्ली के रेलवे नियंत्रण कक्ष से कम से दो बार आग्रह किया था लेकिन अनुमति देने से इनकार किया गया जिससे मरम्मत के काम में विलंब हुआ। ट्रैक की मरम्मत के लिए लाइन पर यातायात बंद करने की जरूरत होती है और इस तरह की अनुमति खंड नियंत्रक द्वारा दी जाती है। अधिकारी ने अपनी पहचान नहीं बताने पर कहा कि स्टेशन मास्टर ने यातायात बंद करने के लिए नियंत्रक से पूछा था। यह बड़ी लापरवाही है।
उत्कल एक्सप्रेस के 19 अगस्त को पटरी से उतरने की घटना की जांच कर रहे आयुक्त,रेलवे सुरक्षा, शैलेश कुमार पाठक ने आज मौके का दौरा किया और अधिकारियों से मिले। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाठक ने अनुमति नहीं मिलने के बारे में जानकारी ली और ऐसा माना जा रहा है कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्वाई पर विचार किया जा सकता है। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस बात पर भी सवाल उठाये गये है कि अनुमति नहीं मिलने के बावजूद ट्रैक पर मरम्मत कार्य क्यों किया गया।
प्रारंभिक जांच के दौरान पता चला कि फिश प्लेट और नट बोल्ट समुचित रूप से नहीं कसे हुए थे जिससे यह हादसा होने की आशंका है। पाठक ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि वह रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंपेगे। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद रेलवे द्वारा कडी कार्वाई की जा रही हैं। उन्होंने कहा रेलवे के इतिहास में यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। इस बीच जिला अधिकारियों ने कहा कि एक शव को छोड़कर सभी की पहचान हो गयी हैं। इस हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत हुई और 156 घायल हुए हैं।