लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने लखनऊ के किंग ज़ॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में लगी आग की जांच के आदेश दे दिए है। योगी आदित्यनाथ ने हॉस्पिटल का दौरा किया। पीड़ितों से मुलाकात करने के साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही।
दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी सरकार
सीएम योगी आदित्यनाथ आज खुद अस्पताल पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। मरीजों से मुलाकात की सबका हाल जाना और मरीजों से आग लगने की वजह पूछी। योगी आग लगने वाली जगह पर भी गए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही। वह दूसरी बिल्डिंग में भी गए और पता किया कि मरीज़ों को किस तरह शिफ्ट किया गया। अफसरों को चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह का हादसा न हो।
CM योगी ने तीन दिन में मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री ने इस घटना को दुखद बताते हुए घटना की जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा कि इस मामले में दोषी लोगों की जिम्मेदारी तय की जाए जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
लखनऊ के अस्पताल में 'लापरवाही' की आग !
लापरवाही किसकी थी ये तो जांच के बाद ही सामने आ पाएगा लेकिन ये बात साफ है कि अस्पताल में इस तरह के इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं थी। आरोप है कि हॉस्पिटल में लगे फायर सिस्टम ही काम नहीं कर रहे थे। हॉस्पिटल में जब आग लगी तो फायर अलार्म भी नहीं बजा और अफरातफरी ऐसी मची कि लोग जान बचाने के लिए इधर उधर भागने लगे।
सूबे से बड़े और मॉडर्न अस्पतालों में शुमार लखनऊ की किंग जॉर्ज यूनिवर्सिटी में शनिवार देर शाम भीषण आग लग गई। हॉस्पिटल के सेकंड फ्लोर पर लगी आग ने जल्द ही बड़े इलाके को कब्जे में ले लिया। आग लगने और धुआं फैलने से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।
मरीज़ों की मौत का ज़िम्मेदार कौन?
बताया जाता है हादसे के वक्त ट्रॉमा सेंटर में करीब 300 मरीज भर्ती थे, इनमें से 37 वेंटिलेटर पर थे। 100 से ज्यादा मरीज को शताब्दी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है। वहीं, ट्रॉमा सेटर की पार्किंग में नॉर्मल मरीजों के बेड शिफ्ट किए गए हैं। लेकिन इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं ठप होने से ट्रामा सेंटर में आये 4 मरीज़ो की मौत हो गई। हालांकि प्रशासन की ओर से किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन केजीएमयू लखनऊ ही नहीं बल्कि प्रदेश के बड़े और मॉडर्न अस्पतालों में गिना जाता है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीर बताते हुए कार्रवाई की बात कही। आग बुझाने के इंतज़ाम नाकाफी होने से अस्पतपाल प्रशासन भी सवालों के घेरे में हैं।
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