लखनऊ. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में आरोपी भाजपा नेता विनय कटियार, हिंदू नेता राम विलास वेदांती और चार अन्य लोग बृहस्पतिवार को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश हुए। हालांकि अदालत ने समय की कमी की वजह से सिर्फ विजय बहादुर सिंह का ही बयान दर्ज किया।
अदालत ने बाकी लोगों को शुक्रवार पेश होने का निर्देश दिया। विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने आरोपियों को निर्देशित किया कि वे अपने बचाव में साक्ष्य लिखित रूप से दर्ज कराएं। मामले में 32 आरोपी हैं। अदालत के सामने पेश होने वाले अन्य लोगों में पवन पांडे, संतोष दुबे और गांधी यादव थे।
अदालत ने बाकी आरोपियों को बृहस्पतिवार की पेशी से छूट दी जबकि पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को अगले आदेश तक पहले ही यह छूट प्राप्त है। मुकदमे की मौजूदा कार्यवाही आरोपियों को केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्यों के बारे में जानकारी देने के लिए भी रही।
अयोध्या में कार सेवकों ने दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद ध्वस्थ कर दी थी। कार सेवकों का दावा था कि अयोध्या में जिस जगह पर मस्जिद है वह प्राचीन राम मंदिर वाले स्थान पर बनाई गई है। आरोपियों में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, साक्षी महाराज और राम विलास वेदांती शामिल है। उच्चतम न्यायालय ने 19 अप्रैल 2017 को विशेष न्यायाधीश को आदेश दिया था कि मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन आधार पर करके इसे दो साल में इसे पूरा कर लिया जाए।