लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बरेली के जिलाधिकारी अपने फेसबुक पोस्ट को लेकर जहां विवादों में घिर गए हैं, वहीं बरेली पहुंचे मुजफ्फनगर दंगे के आरोपी मौलाना तौकीर रजा ने राघवेंद्र विक्रम सिंह का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा था कि सब कुछ खत्म हो गया है लेकिन जिलाधिकारी ने बहुत हिम्मत जुटाकर जेहाद का काम किया है। वर्ष 2010 में मुजफ्फनगर में हुए दंगे के मुख्य आरोपी तौकीर ने कासगंज हिंसा पर बोलते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में चुनाव जीतने के लिए कासगंज जैसे बहुत से मामले देश में सामने आते रहेंगे।
उन्होंने कासगंज दंगे में मारे गए चंदन गुप्ता के परिवार वालों को 50 लाख रुपए और घायलों को 20-20 लाख रुपये देने की मांग करते हुए कहा कि वह बहुत जल्द चंदन गुप्ता के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात करेंगे और मुस्लिम समुदाय से शांति की अपील करेंगे।
तौकीर ने कहा कि उनका मकसद है कि देश में अमन चैन कायम रहे। हालांकि राष्ट्रगान पर ऐतराज जताते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे मुल्क के लिए नहीं लिखा गया था। इसे जॉर्ज पंचम के लिए गाया गया था। हालांकि तौकीर ने तीन तलाक पर सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
गौरतलब है कि बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने फेसबुक पर एक विवादित बयान पोस्ट कर दिया था। इसके बाद मचे सियासी तूफान के बाद मुख्यमंत्री ने मंगलवार को उनको लखनऊ तलब कर लिया था।
दरअसल कासगंज साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर विवादित पोस्ट में उन्होंने लिखा था, "अजब रिवाज बन गया है। मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई वे पकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए।"
फेसबुक पोस्ट पर विवाद बढ़ता देख जिलाधिकारी ने खुद ही पोस्ट को हटा लिया था और कहा था कि अगर उनके इस बयान से किसी को दुख पहुंचा है तो वह माफी मांगते हैं।