कानपुर में हुए पुलिस कर्मियों के जघन्य हत्याकांड पर बड़ा खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बदमाशों ने पुलिसकर्मियों को सटा कर गोली मारी है। वहीं विकास दुबे के लोगों ने पुलिसवालों को मारने के बाद हथियार भी लूट लिये है। सूत्रों के अनुसार बदमाश पुलिसकर्मियों की रायफल ले गए हैं। खबर है कि बदमाश ऐके 47 रायफल भी लूट ले गए हैं। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि पुलिस टीम के पास जो गोलियाँ थीं, वह भी बदमाश लूट ले गए हैं।
जांच में सामने आया है कि अपराधियों ने पुलिसवालों को घर के भीतर घुसकर मारा है। बदमाशों ने राइफल से अपराधियों ने पुलिस वालों पर गोलियां चलाई हैं। जो पुलिसवाले बाथरूम या किसी कमरे में छिप गये थे, उन्हें वहीं पर घेरकर मारा। पुलिस कर्मी को सटा के गोली मारी गई है। मौकाए वारदात पर सामने आया कि मृत क्षेत्राधिकारी का भेजा बाहर था। इससे साफ पता चलता है कि सटा के गोली मारने पे ऐसा होता है। बताया जा रहा है कि विकास दुबे जाते वक्त घर के अंदर सीसीटीवी की सारी फुटेज का रिकॉर्डर भी ले गया।
दो बदमाशों को मार गिराया
पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे के दो साथियों को मार गिराया है। पुलिस पता कर रही है कि जो दो बदमाश मारे गये हैं वो कौन हैं। गांववालों को बदमाशों की पहचान के लिए बुलाया गया है। साथ ही पुलिस जंगलों में तलाशी अभियान चला रही है।
8 पुलिस कर्मी मारे गए
कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के कम से कम आठ कर्मी मारे गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत दिकरू गांव में पुलिस का दल आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। दुबे के खिलाफ करीब 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं।
जानिए कौन है विकास दुबे
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) एक खूंखार अपराधी रहा है। विकास दुबे के ऊपर लूट, डकैती, फिरौती और हत्या जैसे गंभीर अपराधों के 60 मामले दर्ज हैं। अब इस नई और सबसे बड़ी वारदात के साथ वह सूबे के मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों में से एक हो गया है। विकास दुबे का नाम 19 साल पहले 2001 में पहली बार तब चर्चा में आया जब उसने कथित तौर पर थाने में घुसकर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री एवं बीजेपी नेता संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। बाद में उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और कुछ ही महीने बाद जमानत पर बाहर आ गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विकास के खिलाफ यूपी के कई जिलों में 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं। विकास की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी रखा गया था।