कानपुर। कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात हुए मुठभेड़ कांड में कुल 21 अभियुक्त नामजद थे। उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि कानपुर मुठभेड़ में कुल 21 अभियुक्त नामजद थे और 60 से 70 अन्य अभियुक्त थे। जिसमें से अब तक 3 लोग गिरफ्तार हुए हैं, 6 मारे गए हैं और 120 बी के अंदर 7 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अभी 12 इनामी बदमाश वांछित चल रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
प्रशांत कुमार ने बताया कि शुक्रवार सुबह विकास दुबे के साथ कानपुर के भौती में हुई मुठभेड़ में सिविल पुलिस के 4 कर्मी घायल हुए हैं, जिसमें 3 सब इंस्पेक्टर हैं, एक कांस्टेबल है और 2 एसटीएफ कमांडो को गंभीर चोटें आई हैं।
कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह कानपुर के भौती इलाके में कथित पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। पुलिस के अनुसार उज्जैन से कानपुर लाते समय हुए सड़क हादसे में एक पुलिस वाहन के पलटने के बाद दुबे ने भागने का प्रयास किया। पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि सड़क हादसे के बाद दुबे ने मौके से भागने का प्रयास किया, जिसके बाद हुई मुठभेड़ में वह मारा गया।
कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि सड़क दुर्घटना सुबह हई। उन्होंने कहा कि तेज बारिश हो रही थी। पुलिस ने गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की जिससे वह डिवाइडर से टकराकर पलट गई और उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गए। उसी मौके का फायदा उठाकर दुबे ने पुलिस के एक जवान की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया।
गाड़ी पलटने से घायल पुलिस कर्मियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कल्याणपुर में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि गाड़ी पलटने से विकास दुबे के साथ वाहन में सवार नवाबगंज के पुलिस निरीक्षक रमाकांत पचौरी और कॉन्स्टेबल पंकज सिंह, अनूप कुमार तथा प्रदीप घायल हो गए।
विकास दुबे को गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफतार किया गया थ । गौरतलब है कि दो तीन जुलाई की दरमियानी रात कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए पुलिस दल पर दुबे और उसके साथियों ने गोलियां बरसाई थीं, जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।