नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद जिला न्यायालय को दो दिन के लिए सील कर दिया गया है। बार एसोसिएशन ने इसकी जानकारी दी है। कानपुर बार एसोसिएशन के महासचिव कपिल दीप सचान ने बताया कि ग्वालटोली निवासी वरिष्ठ वकील बुधवार को कोविड—19 संक्रमित पाये गये। इसके बाद कार्यवाहक जिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रियाज ने पूरे अदालत परिसर को सील करने का आदेश दिया है।
उन्होंने बताया कि पूरे अदालत परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा इसलिए सभी अदालतों में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को सुनवाई सहित विधिक कार्य नहीं होंगे। सचान ने सभी रजिस्ट्रार कार्यालय भी बृहस्पतिवार और शुक्रवार को बंद रखने का अनुरोध किया है ताकि कोरोना वायरस संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके।
वहीं देश में संभवतः अपनी तरह के पहले मामले में कानपुर के विद्युत कॉलोनी की एक गली में कोविड-19 संक्रमण के 60 मरीज सामने आए। इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिनमें संक्रमण का कोई भी लक्षण नहीं था। बताया गया कि स्थानीय पार्षद के बीमार पड़ने के बाद यह सिलसिला शुरू हुआ था। पार्षद हाल ही में गोरखपुर से कानपुर लौटे थे। तबीयत खराब होने पर उन्होंने जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी से मदद मांगी थी।
गत गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट में वह और उनका प्रतिनिधि कोविड-19 संक्रमित पाए गए थे। पार्षद और उनके प्रतिनिधि के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उनके संपर्क में आए लोगों को तलाशने के साथ उनकी कोविड-19 संबंधी जांच भी करायी। देखते ही देखते मात्र चार दिनों के अंदर एक ही गली में 60 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। इनमें करीब 20 महिलाएं भी हैं।
संक्रमित पाए गए सभी लोगों को रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उनमें से ज्यादातर लोगों में कोविड-19 का कोई भी लक्षण नहीं दिखाई दे रहा था। उन्होंने बताया कि इलाके को हॉटस्पॉट घोषित करके आवश्यक प्रोटोकॉल लागू किया गया है। बर्रा थाना अध्यक्ष रंजीत सिंह ने बताया कि विद्युत कॉलोनी की उस गली में रहने वाले लोग बिना मास्क लगाए अक्सर हुजूम में बैठे नजर आते हैं और उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोई चीज नहीं रहती।