गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में होटल के कमरे में पुलिस की कथित पिटाई से रियल स्टेट कारोबारी की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सीएम योगी के आदेश के बाद गोरखपुर पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले में 3 पुलिसवालों पर हत्या का मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही सीएम योगी ने परिवार को दस लाख का मुआवजा और एक नौकरी देने का ऐलान किया है। आज खुद सीएम योगी कानपुर में पीड़ित परिवार से मिलने वाले हैं। योगी सरकार के एक्शन और आश्वासन के बाद परिवार ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। परिवार अब पुलिस की ज्यादती से हुई मौत का पूरा इंसाफ मांग रहा है।
इस मामले में बड़ा मोड़ तब आया जब मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने वीडियो जारी कर योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की गुहार लगाई। मीनाक्षी की अपील के बाद से गोरखपुर के क्राइम सीन से लेकर मृतक मनीष गुप्ता के कानपुर आवास तक एक ही गुहार गूंज रही है, एक कारोबारी के साथ गोरखपुर पुलिस ने जो किया उसका पूरा इंसाफ हो। सीएम ने इस मामले का संज्ञान लिया तो उनके निर्देश पर एफआईआर से कतरा रही पुलिस ने मामला दर्ज किया। इसमें 6 लोग आरोपी बनाए गए, एफआईआर में 3 पुलिस वालों के नाम दिए गए हैं, जबकि तीन अज्ञात है।
मामले में इंस्पेक्टर जे.एन सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जिसकी अगुवाई में पुलिस की टीम ने होटल के कमरे पर दबिश दी थी। मामले की जांच गोरखपुर क्राइम ब्रांच कर रही है, जिसने बुधवार को कमरे से फॉरेसिंक एक्सपर्ट्स के साथ सबूत जुटाए और क्राइम सीन रीक्रियेट कर समझने की कोशिश की, आखिर मनीष गुप्ता की मौत किन परिस्थितियों में हुई।
परिवार का कहना है पुलिस ने ना सिर्फ मनीष गुप्ता का मर्डर किया, बल्कि मामले को रफा-दफा करने के लिए सबूत भी मिटाने की कोशिश की। पौ-फटने से पहले ही होटल का पूरा कमरा साफ कर दिया गया और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी परिजनों को पहले देने से इंकार किया गया।
गौरतलब हैं कि सोमवार रात रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में एक होटल में कानपुर निवासी 36 वर्षीय रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों प्रदीप और हरी चौहान के साथ ठहरे थे। देर रात पुलिस होटल में निरीक्षण के लिए पहुंची थी। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि तीन लोग गोरखपुर के सिकरीगंज स्थित महादेवा बाजार के निवासी चंदन सैनी के पहचान पत्र के आधार पर एक कमरे में ठहरे हुए हैं। संदेह होने पर पूछताछ के दौरान कथित रूप से पुलिस द्वारा पिटाई के बाद घायल मनीष की संदिग्ध हालात में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी वजह से उनके पति की मृत्यु हुई है। हालांकि, पुलिस ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि मनीष नशे की हालत में था और पूछताछ के दौरान जमीन पर गिरने से उसके सिर में चोट आ गई थी जिससे उसकी मृत्यु हुई।
मीनाक्षी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। मनीष के साथ कमरे में ठहरे उसके दोस्तों ने बताया कि वे लोग गोरखपुर के रहने वाले कारोबारी चंदन सैनी के बुलावे पर आए थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने रामगढ़ताल के थाना प्रभारी जेएन सिंह और फलमंडी थाना प्रभारी अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसकर्मियों को मंगलवार को ही निलंबित कर पुलिस अधीक्षक (नगर) को मामले की जांच सौंपी है। इस मामले में आरोपी 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।