लखनऊ: हिंदू समाज पार्टी के नेता और हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी की यहां शुक्रवार को दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्हें तत्काल ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। खबरों के मुताबिक, भगवा वस्त्र पहने हमलावर मिठाई का डिब्बा सौंपने के बहाने खुर्शीद बाग इलाके में स्थित तिवारी के कार्यालय में घुसे थे। अंदर घुसने के बाद हमलावरों ने डब्बा खोला, उसमें से बंदूक निकाली और तिवारी को गोलियों से भून कर वे वहां से फरार हो गए। तिवारी को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
सीएम योगी ने मांगी जांच रिपोर्ट
कमलेश तिवारी हत्या मामले में सीएम योगी ने डीजीपी और अपर मुख्य गृह सचिव से घटना की जांच रिपोर्ट तलब की है। मामले की जांच के लिए स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम का भी गठन किया गया है। यूपी पुलिस ने इस मामले में बिजनौर के दोनों मौलानाओं के खिलाफ 302 यानी हत्या का मुकदमा दर्ज किया। पीड़ित की पत्नी ने दोनों मौलानाओं के खिलाफ हत्या की साज़िश का आरोप लगाया था।
कमलेश को मिली हुई थी सरकार सुरक्षाइस मामले में जारी किए गए सरकार बयान के अनुसार कमलेश तिवारी को पिछले कई माह से सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी, जिसके तहत उनके गनर के अलावा स्थानीय थाने से भी सुरक्षा मिली थी। घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी मृतक के आवास के नीचे तैनात था, जिसने हत्यारे को रोका भी था। दावा है कि कमलेश तिवारी से पूछने के बाद सुरक्षाकर्मी ने हत्यारे को घर के अंदर जाने दिया।
विवादित टिप्पणी के लिए कमलेश तिवारी को किया गया था गिरफ्तार
हिंदू महासभा के पूर्व नेता कमलेश तिवारी ने वर्ष 2017 जनवरी में ही हिंदू समाज पार्टी की स्थापना की थी। तिवारी इससे पहले हिंदू महासभा के अध्यक्ष रह चुके थे। उन्होंने पैगंबर मुहम्मद से जुड़ी अत्यधिक विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनके खिलाफ एनएसए रद्द कर दिया था।
'मिठाई के डिब्बे में चाकू और बंदूक लाए थे हमलावर'
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया है। नैथानी ने बताया कि कमलेश तिवारी से नाका के खुर्शीद बाग स्थित ऑफिस में दो लोग मिलने पहुंचे थे। ये दोनों मिठाई का डिब्बा लिए हुए थे, जिसमें चाकू और बंदूक थी। बताया जा रहा है कि दोनों ने कमलेश तिवारी से मुलाकात की। बातचीत के दौरान दोनों बदमाशों ने कमलेश के साथ चाय भी पी। इसके बाद उनकी हत्या करके फरार हो गए।
बदमाशों ने कमलेश तिवारी से मिलने से पहले उन्हें कॉल भी किया था। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों अपराधी कमलेश के परिचित थे या नहीं। फिलहाल पुलिस सभी मामलों की जांच कर रही है। पुलिस ने मौके से एक रिवाल्वर भी बरामद किया है। कमलेश तिवारी ने सीतापुर में अपनी पैतृक जमीन पर नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया था। राम जन्मभूमि मामले में वह सुप्रीम कोर्ट में कुछ दिनों तक हिन्दू महासभा की तरफ से पक्षकार भी रहे थे। इस माह दक्षिणपंथी नेता की हुई यह चौथी हत्या है।
8 अक्टूबर को देवबंद, 10 अक्टूबर को बस्ती में हुई थी भाजपा नेताओं की हत्या
इसके पहले देवबंद में आठ अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता चौधरी यशपाल सिंह की भी इसी तरह से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बस्ती में 10 अक्टूबर को एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व में छात्र नेता रहे कबीर तिवारी की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके कारण छात्र गुटों में तोड़फोड़ हुई थी और सरकारी वाहनों को जला दिया गया था। भाजपा पार्षद धरा सिंह (47) को 13 अक्टूबर को शनिवार सुबह सहारनपुर के देवबंद में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी।