नई दिल्ली/लखनऊ। वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने भी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि कल्याण सिंह किसी जाति के नेता नहीं थे। उन्होंने किसानों, शोषित और पिछड़े लोगों के लिए दर्द महसूस किया लेकिन वे अकेले उनके नेता नहीं थे। वह देश के नेता थे, यह एक व्यक्तिगत क्षति है। हमने एक साथ डंडों और गोलियों का सामना किया। उनके जाने के नुकसान की भरपाई करना मुश्किल होगा।
वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि मेरा कल्याण सिंह से व्यक्तिगत संबंध बहुत रहा है और उनके जाने से मेरी निजी क्षति भी हुई है क्योंकि वह हमारी उम्र के थे। उनके साथ बहुत यात्रा भी की, जेल भी गए, लाठी भी खाई, इस तरह के संबंध बड़े मज़बूत संबंध होते हैं। उनके अभाव की पूर्ति करना कठिन होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लखनऊ पहुंचकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी रविवार पूर्वाह्न लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित सिंह के आवास पर पहुंचे, जहां उनका पार्थिव शरीर रखा गया है। प्रधानमंत्री ने उनके अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कल्याण सिंह के परिजन से मुलाकात कर उनके प्रति संवेदना प्रकट की।
मोदी ने इस मौके पर कहा कि कल्याण सिंह ने अपने नाम को सार्थक किया और जीवन भर लोगों के लिए काम करते हुए जनकल्याण को हमेशा प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह जनसामान्य के लिए प्रेरणा का प्रतीक बने। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कल्याण सिंह के आदर्शों और संकल्पों के लिए अधिक से अधिक पुरुषार्थ करें और उनके सपनों को पूरा करने की कोशिश में कोई कमी ना रखें। उन्होंने कहा, "प्रभु श्री राम कल्याण सिंह जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके परिवार को इस दु:ख को सहन करने की शक्ति दें। यहां के मूल्यों, आदर्शों, संस्कृतियों और परंपराओं में विश्वास करने वाले हर दु:खी जन को प्रभु राम ढांढस दें, मैं यही प्रार्थना करता हूं।"
एसजीपीजीआई में ली अंतिम सांसउत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार रात सवा नौ बजे लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई (संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान) में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। वह पिछले काफी समय से बीमार थे। सिंह को पिछली चार जुलाई को संक्रमण तथा स्वास्थ्य संबंधी कुछ अन्य समस्याएं होने पर एसजीपीजीआई के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया था। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और शनिवार रात उनका निधन हो गया।
सिंह का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को नरौरा में गंगा तट पर किया जायेगा
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को अलीगढ़ ले जाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुये प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उन्होंने 23 अगस्त को एक दिन का सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की हैं। सिंह का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को नरौरा में गंगा तट पर किया जायेगा। कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार थे और छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इस घटना के बाद सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।