नयी दिल्ली। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के लिए घोषणापत्र समिति समेत कुल सात समितियों का गठन किया है, जिनमें राज्य से जुड़े पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया है लेकिन सबसे खास बात ये है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने किसी भी समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को शामिल नहीं किया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव फरवरी-मार्च 2022 में होने हैं।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से रविवार (6 सितंबर) को जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उप्र के लिए घोषणापत्र समिति, संपर्क समिति (आउटरीच कमेटी), सदस्यता समिति, कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, प्रशिक्षण एवं कैडर विकास समिति, पंचायती राज चुनाव समिति और मीडिया एवं संचार परामर्श समिति के गठन को स्वीकृति प्रदान की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को किसी भी समिति में शामिल नहीं किया गया
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद इनमें से किसी भी समिति में शामिल नहीं हैं। इन समितियों का गठन प्रदेश के 9 वरिष्ठ नेताओं के सोनिया गांधी को पत्र लिखने के बाद की गई हैं। इन सभी नेताओं को पार्टी ने पिछले साल बर्खास्त कर दिया था। इस पत्र में प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशना साधा गया था और कहा गया था कि सोनिया गांधी परिवारवाद से ऊपर उठें और कांग्रेस में फिर से लोकतांत्रिक जड़ों को मजबूत करें। दूसरी तरफ, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री और पूर्व एमएलसी नसीब पठान जैसे उन नेताओं को इन समितियों में जगह मिली हैं जिन्होंने गुलाम नबी आजाद समेत पत्र लिखने वाले 23 नेताओं पर निशाना साधा था।
जानिए किसे किस समिति में मिला स्थान
खत्री को प्रशिक्षण एवं कैडर विकास समिति तथा नसीब पठान को कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति में स्थान मिला है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और पीएल पुनिया को घोषणापत्र में जगह दी गई है। इसके अलावा प्रमोद तिवारी को संपर्क समिति, अनुग्रह नारायण सिंह को सदस्यता समिति, नूर बानो को कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति, राजेश मिश्रा को पंचायती राज समिति और राशिद अलवी को मीडिया एवं संचार परामर्श समिति में शामिल किया गया है। प्रदेश से संबंधित कांग्रेस के कई अन्य नेताओं को भी इन सात समितियों में शामिल किया गया है।