मेरठ (उत्तर प्रदेश): राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए रविवार को सवाल किया कि ‘जब गृहमंत्री साजिश रच रहे हैं तो कौन सुरक्षित है?’ चौधरी ने सिलसिलेवार ट्वीट किए, ‘‘लखीमपुर खीरी से दिल दहलाने वाली खबरें आ रहीं हैं! केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का क़ाफ़िला आंदोलनकारी किसानों पर चढ़ा दिया गया! दो किसानों की मौत हो गई और कई घायल हैं। विरोध को कुचलने का काला कृत्य जो किया है, साज़िश जब गृह मंत्री रच रहे हैं, फिर कौन सुरक्षित है?’’
उन्होंने लिखा है, ‘‘भेड़िए हैं, मवाली हैं, किसान नहीं आतंकवादी हैं…। किसान की हत्या करने वालों को उकसाने वाले भी ज़िम्मेदार हैं!’’ चौधरी ने आगे लिखा है, ‘‘किसान का खून बहाया गया है! कल लखीमपुर खीरी पहुँचूँगा!’’ पूर्व मंत्री एवं रालोद के राष्ट्रीय महासचिव डॉ मैराजुउद्दीन अहमद ने कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के पुत्र के काफिले में शामिल गाड़ियों से कुचलकर किसानों की मौत की घटना का रालोद कड़े शब्दों निन्दा करता है।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी घटना में मरे किसानों के परिवार वालों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा और सरकारी नौकरी, जबकि घायलों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग करती है। उन्होंने दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेताओं ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी में आंदोलन कर रहे किसानों को जानबूझ कर गाड़ी से कुचला गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’ भाकियू नेताओं ने कहा कि उन्हें टिकैत बंधुओं के संदेश का इंतजार है, संदेश मिलते ही भाकियू कार्यकर्ता लखीमपुर खीरी की घटना के खिलाफ सड़कों पर उतरने में देर नहीं करेंगे। कार्यकर्ताओं से आंदोलन के लिए तैयार रहने की अपील करते हुए भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने कहा कि राकेश टिकैत खुद लखीमपुर खीरी के लिए गाजीपुर बॉर्डर से रवाना हो चुके हैं।