नई दिल्ली: पूरी दुनिया में प्रेम की एक धरोहर के रूप में मशहूर और दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल की चमक अब पीली पड़ती जा रही है। इसकी मुख्य वजह है रखरखाव पर ध्यान नहीं देना। जी हां, अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक खबर के मुताबिक यूपी सरकार ताजमहल के रख-रखाव पर इन दिनों इसलिए विशेष ध्यान नहीं दे रही है कि इसे मुस्लिम आक्रमणकारियों ने बनवाया था। इसके पीछे अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान को कोट किया है जो उन्होंने आगरा में एक रैली के दौरान दिया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी रैली में कहा था कि यह कहा कि यह स्मारक भारतीय संस्कृति को प्रतिबिंबित नहीं करता है।
पर्यटकों को आकर्षित करनेवाले इस बड़े पर्यटन स्थल ताजमहल के लिए राज्य बजट में सांस्कृति विरासत फंड का आवंटन नहीं किया गया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पर्यटन विवरिणिका में ताजमहल के जिक्र न होने पर रोष जताया है। उन्होंने कहा कि अगर पर्यटन के बुकलेट में ताजमहल का जिक्र नहीं है तो एक स्तर पर तो यह मजाक जैसा लगता है वहीं दूसरे स्तर पर यह दुखद है। उन्होंने इस पूरी तरह से धार्मिक पूर्वाग्रह से युक्त मामला बताया और कहा कि यह गलत है।
वहीं योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि राज्य सरकार को वर्ल्ड बैंक से फंड मिला है। नए दरवाजे, सौंदर्यीकरण और बहुस्तरीय पार्किंग संरचना के लिए 22 मिलियन डॉलर खर्च किए जाएंगे। आदित्यानाथ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी ने कहा है कि ताज महल दुनिया का सातवां अजूबै है और यह केवल उत्तर प्रदेश सरकार ही नहीं बल्कि पूरे देश की प्राथमिकता में रहा है। यह हमारे टूरिज्म पॉलिसी के केंद्र में भी है। लेकिन हमारे पास कुछ नई परियोजनाएं भी हैं हम उधर भी ध्यान देने चाहते हैं। आपको बता दें कि 17 वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में इस भव्य इमारत का निर्माण कराया था।