लखनऊ। पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अनिवार्य सेवानिवृति के बाद गोमतीनगर में अपने आवास की नेमप्लेट बदलते हुए उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने अपने घर की नेम प्लेट में अमिताभ ठाकुर, आईपीएस (जबरिया रिटायर्ड) लिखा है। इसके अलावा नेम प्लेट के साथ अपनी तस्वीर खिंचवाकर फेसबुक तथा ट्विटर पर भी शेयर किया है। उनका कहना है कि उन्हें समय से पहले जबरदस्ती मनमाने ढंग से सेवानिवृत कर दिया गया, अत: वह अपने लिए अब तो इन्ही शब्दों का प्रयोग करेंगे। जबरन रिटायर करने के सरकार के फैसले से दुखी होने के स्थान पर अमिताभ ठाकुर इसका आनंद उठा रहे हैं।
उन्होंने अपने घर की नेम प्लेट को ट्वीट करने के साथ ही फेसबुक पर भी शेयर किया है। अमिताभ ठाकुर ने खुद के घर के आगे लगी नेम प्लेट में अपने नाम के नीचे जबरिया रिटायर आईपीएस लिख दिया है। इसके बाद एक तस्वीर खिंचवाकर फेसबुक तथा ट्विटर पर अपलोड कर दिया। इंटरनेट मीडिया पर उनके प्रशंसक उनकी इस सहज अभिव्यक्ति को सराह रहे हैं।
गौरतलब है कि आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गृह मंत्रालय ने समय से पूर्व अनिवार्य रूप से सेवानिवृत करने का आदेश दिया था। आदेश में लिखा गया है कि अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है।
अमिताभ ठाकुर ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। सरकार के इस आदेश पर ट्वीट करके उन्होंने लिखा था कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए। जय हिन्द !
ज्ञात हो कि 1992 बैच के आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर आइजी सिविल डिफेंस के पद पर तैनात थे। गृह मंत्रालय ने इनको लोकहित में सेवाकाल पूरा होने से पहले अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का निर्णय किया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इनके खिलाफ निर्णय का आदेश जारी कर दिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार के इस फैसले को जीरो टालरेंस की नीति के तहत कार्रवाई का सीधा संदेश भी माना जा रहा है।