नोएडा. कोई शहर कितनी तेज दौड़ सकता है, ये कई हद तक उस शहर के बुनियादी ढांचे और यातायात व्यवस्था पर भी निर्भर करता है। इसीलिए, उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी के तौर पर पहचान पाने वाले नोएडा की बेहतर रफ्तार को कैसे सुनिश्चित किया जाए? इसका रोड मैप जानने के लिए इंडिया टीवी ने नोएडा ट्रैफिस पुलिस के डीसीपी राजेश एस से बात की।
डीसीपी राजेश एस ने बताया कि ट्रैफिक पुलिस आने वाले वक्त में नोएडा की सड़कों को बड़ी संख्या में हाईटेक कैमरों से लैस करने वाली है। उन्होंने बताया कि आने वाले एक साल में नोएडा की अलग-अलग सड़कों पर करीब एक हजार कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे। जिनके जरिए किसी भी तरह के क्राइम पर तो नजर रखी ही जा सकेगी साथ ही ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालन भी काटे जाएंगे।
केंद्र सरकार द्वारा नए मोटर व्हीकल एक्ट के अमल में आने के बाद से शहर में कटने वाले चालानों की संख्या भी बढ़ी है। राजेश एस ने बताया कि सिर्फ जनवरी महीने में ही करीब 50 हजार से ज्यादा चालान नोएडा में काटे गए हैं। लेकिन, सिर्फ चालान के डर से ही यातायात व्यवस्था को लोगों पर थोपा नहीं जा सकता। लोगों को खुद इसके लिए आगे आना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।
राजेश एस बताते हैं कि गौतम बुद्ध नगर में जब से कमिश्नर प्रणाली लागू हुई है तब से ट्रैफिस पुलिसकर्मियों की संख्या चार गुना बढ़ाई गई है। पहले ट्रैफिस पुलिस में करीब 100 कर्मचारी कार्यरत थे जबकि अब उनकी संख्या करीब 400 हो गई है। जो यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में सहायक साबित होते हैं। वहीं, उन्होंने VIP मूवमेंट के बारे में कैसी व्यवस्था की जाती है, उसकी भी जानकारी दी। आपको बता दें कि हाल ही में गौतमबुद्धनगर में कमिश्नरी सिस्टम लागू किया गया है, आलोक सिंह यहां के पुलिस कमिश्नर नियुक्त किए गए हैं।
राजेश एस ने बताया कि जब भी कोई VIP मूवमेंट होती है उनके पास पहले से ही उसकी जानकारी आ जाती है, जिसके बाद से वह अपनी प्लानिंग करते हैं और उस रास्ते को VIP मूवमेंट के लिहाज से तैयार करते हैं। इसके लिए जिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती है वह लगातार कंट्रोल रूम के टच में रहते हैं। इसके अलावा टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करके भी सड़क पर ट्रैफिस का पता लगाते हैं और उसी हिसाब से VIP मूवमेंट कराते हैं।