बांदा: चित्रकूट जिले में इलाज में कथित रूप से लापरवाही बरते जाने से तीन नवजात शिशुओं की मौत का मामला सामने आया है हालांकि अस्पताल प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार कर रहा है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. आर. के. गुप्ता ने शनिवार को बताया कि मानिकपुर क्षेत्र के बेलहा गांव निवासी सीमा को प्रसव पीड़ा होने पर बृहस्पतिवार को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था जहां उसने बच्चे को जन्म दिया। नवजात की हालत बिगड़ने पर शुक्रवार को उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ही पहाड़ी के नांदी रोड निवासी वंदना को प्रसव पीड़ा उठने पर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। महिला ने बेहद कमजोर बच्ची को जन्म दिया और उसकी भी मौत हो गयी। इसी तरह की एक और घटना में सीतापुर कस्बे की शबाना बानो ने बीमार बच्चे को जन्म दिया। नवजात को इलाज के लिए इलाहाबाद रेफर किया गया लेकिन उसकी भी रास्ते में ही मौत हो गई।
सीमा के पति लालाराम ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा कर हंगामा किया और कहा कि 'नर्सों को "कुछ न देने" पर जच्चा-बच्चा के उपचार में काफी देरी की गई थी जबकि शबाना बानो के परिजन का आरोप है कि बिना इलाज किये ही जल्दबाजी में नवजात को इलाहाबाद के लिए रेफर किया गया था।
हालांकि सीएमएस डॉ. आर. के. गुप्ता का कहना है कि तीनों नवजात शिशु जन्म से ही बीमार थे। उन्हें बचाने की कोशिश की गई लेकिन चिकित्सक नाकाम रहे। इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई।