पिथौरागढ़: उत्तराखंड के सीमान्त पिथौरागढ़ की सैनिक छावनी में इन दिनों भारत-नेपाल की सेना संयुक्त रूप से अपने युद्ध कौशल दिखा रही हैं। इस युद्ध अभ्यास को 'सूर्या किरण' नाम दिया गया है। पिछले 13 सालों से लगातार इस पखवाड़े तक युद्ध अभ्यास कैम्प चलता है। जिसमे दोनों देशो की सेनाएं युद्ध की तकनीक और कौशल को एक दूसरे के साथ बांटती हैं। इस अभ्यास में सेना के जवान दुर्गम और खतरनाक पहाड़ियों में जान जोखिम में डाल कर युद्ध अभ्यास करते हैं। ऐसी पथरीली और कच्ची पहाड़ियों पर चढ़ना आम लोगों के लिए नामुमकिन है लेकिन देश की रक्षा करने वाले इन जवानो का साहस देखते ही बनता है।
दोनों देशो की सेनाएं इन पहाड़ियों पर कठिन अभ्यास करती हैं। भारत-नेपाल के बीच इस युद्ध अभ्यास विशेष कर आतंकवादी गतिविधियों से निबटने के लिये सेनिको को विशेष आधुनिक तकनीक से प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि वो आसानी से आतंकवादियों को काबू कर सके। युद्ध अभ्यास में गोली चलाने से लेकर हमला करने और आतंकवादियों को खत्म करने तक का 14 दिवसीय युद्ध अभ्यास कैंप चल रहा है। दोनों ही देशो की नई तकनीक और कौशल को एक दूसरे से शेयर करते है। यह संयुक्त अभ्यास 30 मई से शुरू हुआ है जो 12 जून को समाप्त होगा। इस युद्ध अभ्यास में भरत ओर नेपाल के 300-300 सैनिक हिस्सा ले रहे है।