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यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा, प्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए एक लाख बेड की व्यवस्था है

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि 8 मार्च को प्रदेश में कोरोना वायरस का पहला मरीज सामने आने के साथ ही इस महामारी से लड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई थी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 27, 2020 13:05 IST
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Image Source : INDIA TV जय प्रताप सिंह ने कहा कि सूबे में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए एक लाख बेड का इंतजाम किया गया है।

नई दिल्ली: विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस से लड़ने की रणनीति की पड़ताल करने के लिए इंडिया टीवी ने बुधवार को ‘हेल्थ मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस’ का आयोजन किया। इस कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि सूबे में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए एक लाख बेड का इंतजाम किया गया है। उन्होंने कहा कि 8 मार्च को प्रदेश में कोरोना वायरस का पहला मरीज सामने आने के साथ ही इस महामारी से लड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई थी।

‘ऑक्सिजन सिलेंडर और वेंटिलेटर पर्याप्त मात्रा में’

जय प्रताप सिंह ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में 8 मार्च को कोरोना वायरस का पहला मरीज सामने आने के साथ ही हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। आइसोलेशन वॉर्ड्स, एल1, एल2, क्वॉरन्टीन सेंटर्स आदि पर काम करना शुरू कर दिया गया था। आज के दिन हमारे पास एक लाख बेड की व्यवस्था है। हमारे पास ऑक्सिजन सिलेंडर और वेंटिलेटर भी पर्याप्त मात्रा में हैं। यदि उत्तर प्रदेश में संख्या इस हद तक पहुंच जाती है तो भी हम मरीजों का समुचित उपचार करने की हालत में हैं।'


‘26 लाख से ज्यादा मजदूर वापस आ चुके हैं’
विभिन्न राज्यों से आने वाले मजदूरों पर जय प्रताप सिंह ने कहा, '26 लाख से ज्यादा मजदूर उत्तर प्रदेश आ चुके हैं। आज हमारे पास जो पिछले एक महीने के अंदर 26 लाख मजदूर आए हैं उनके लिए क्वॉरन्टीन सेंटर बनाए गए हैं जहां उनकी पूरी स्क्रीनिंग होती है और एक-एक आदमी की जानकारी नोट की जाती है। जिनमें लक्षण नहीं होते हैं उनको होम क्वॉरन्टीन में भेज देते हैं और जिनमें लक्षण दिखाई देते हैं उनकी 7 दिन के बाद सैंपलिंग कराते हैं, और उसके बाद जैसी अवस्था निकलती है, उस हिसाब से आगे की कार्रवाई करते हैं।'

‘महाराष्ट्र और दिल्ली ने नहीं निभाया दायित्व’
जय प्रताप सिंह ने महाराष्ट्र और दिल्ली की सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र और दिल्ली की सरकारों ने अपने दायित्यों का निर्वहन नहीं किया। उन्हें अपने यहां रहने वाले उत्तर प्रदेश के मजदूरों के लिए कम्युनिटी किचन आदि की व्यवस्था करनी चाहिए थी।’ उन्होंने यूपी में कई फेज में मामले सामने आने की बात कहते हुए कहा, ‘8 मार्च को सामने आया पहला मरीज और उसके बाद वाले मरीज ट्रैवल हिस्ट्री वाले थे। वह एक फेज था। दूसरा फेज तब आया जब तबलीगी जमात के लोग भारी संख्या में सामने आए, और अब उनसे जुड़े मामले भी लगभग खत्म हो चुके हैं।’

‘प्रदेश में रोजाना लगभग 10000 टेस्ट’
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की आबादी में अभी तक 6800 मामले सामने आए हैं। इसमें से 65 के लगभग रिकवर हो चुके हैं। लगभग 2600 ऐक्टिव केस हैं। हम रैंडम सैंपलिंग कर रहे हैं और पूल टेस्टिंग भी हो रही है। हम रोजाना लगभग 10000 टेस्ट कर रहे हैं।’ इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री ने आशा वर्कर्स और आरोग्य सेतु ऐप का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे भी महामारी से निपटने में काफी मदद मिल रही है।

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