लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत ने मानव कल्याण की पैरोकारी के लिए हमेशा शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की परम्परा को अपनाकर सभी को स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुलभ कराने के साथ ही, वर्तमान समय में विश्वभर में व्याप्त अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, परमाणु हथियारों के भण्डार, राष्ट्रों व नागरिकों के बीच मतभेद जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। विश्व के सभी राष्ट्रों को इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना होगा। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय विवादों का मध्यस्थता द्वारा समाधान ढूंढ़ने के प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री शनिवार को यहां सिटी मॉण्टेसरी स्कूल में आयोजित विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 19वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने न्यायाधीशों का स्वागत करते हुए कहा कि आबादी के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। बच्चों, महिलाओं एवं भावी पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण और शांतिपूर्ण माहौल उपलब्ध कराना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर ये प्रयास करने होंगे, जिससे कि आने वाली पीढ़ी को एक ऐसी विरासत सौंपी जा सके, जिसमें वह शांति, एकता और सद्भाव के साथ रहकर निजी और सामाजिक प्रगति कर सके। योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने और लोगों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा सभी वर्गों को सुलभ एवं सस्ता न्याय दिलाने एवं महिलाओं, बच्चों, वृद्धजनों, मजदूरों आदि को मानवीय गरिमा के अनुरूप जीवन जीने के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया पर्यावरण प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, शस्त्रों की होड़ तथा आतंकवाद जैसी समस्याओं से जूझ रही है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि दुनिया को इन संकटों से बचाएं। सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति गालेमा मोतलान्थे, क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति स्तेपान मैसिक, मॉरीशस की पूर्व राष्ट्रपति अमीनाह गरीब-फकीम, त्रिनिदाद और टोबेगो के पूर्व राष्ट्रपति न्यायमूर्ति एंथनी एक्विनॉस कारमोना, तुवालु के गवर्नर जनरल आयकोबा टी इटालेली, लिसोथो के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. पकलिथा बी मोसीसिली सहित विभिन्न देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश तथा कानूनविद् शामिल हैं ।