लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों के इनकम टैक्स को सरकारी खजाने से नहीं भरा जाएगा। मंगलवार को उत्तर प्रदेश कैबिनेट में इसको लेकर प्रस्ताव पास कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में अब मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री अपनी जेब से ही अपना इनकम टैक्स भरेंगे। बता दें कि 13 सितंबर को यूपी सरकार ने इसकी घोषणा की थी और आज इससे जुड़ा प्रस्ताव कैबिनेट में पास कर दिया गया।
13 सितंबर को किया गया कानून बदलने का ऐलान
प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने 13 सितंबर को बताया था कि ‘उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981’ के अन्तर्गत सभी मंत्रियों के आयकर बिल का भुगतान अभी तक राज्य सरकार के कोष से किया जाता रहा है।' खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया गया है कि अब सभी मंत्री अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे।
19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1,000 मंत्रियों को मिला लाभ
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में लगभग चार दशक पुराना एक कानून मंत्रियों के आयकर का भुगतान राजकोष से सुनिश्चित करता था। हालांकि, नेता इसके बारे में जानकारी नहीं होने की बात करते हैं। ‘उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981’ तब बना था जब विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे। इस कानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1,000 मंत्रियों को लाभ पहुंचाया है।
पुराने कानून के लिए क्या तर्क दिया गया था?
जब से कानून लागू हुआ था, विभिन्न राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्रियों-योगी आदित्यनाथ, मुलायम सिंह यादव, मायावती, कल्याण सिंह, अखिलेश यादव, रामप्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी को इसका लाभ हुआ। विश्वनाथ प्रताप सिंह के सहयोगी रहे कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि कानून पारित होते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने विधानसभा में तर्क दिया था कि राज्य सरकार को आयकर का बोझ झेलना चाहिए क्योंकि अधिकतर मंत्री गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उनकी आय कम है।