लखनऊ: अवैध धर्मांतरण मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अबतक मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 11 लोगों को यूपी एटीएस गिरफ्तार कर चुकी है। यूपी एटीएस के मुताबिक कलीम सिद्दीकी गैर मुस्लिमों को बहका कर धर्मांतरण कराता है। कलीम सिद्दीकी मुजफ्फरनगर के फुलत का रहने वाला है।
प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक मौलाना कलीम के एकाउंट में डेढ़ करोड़ रुपये बहरीन से एक बार में आया।अब तक तीन करोड़ रुपये आ चुके हैं। पूरे मामले की जांच के लिए ATS की छह टीमें बनाई गई हैं। मौलाना कलीम सिद्दीकी जामिया इनमें वलीउल्ला नाम का ट्रस्ट चलाता है, इसी ट्रस्ट में पैसा आया है।
पुलिस जांच में पता चला कि मौलाना कलीम दिल्ली में रहता है और अवैध धर्मांतरण के काम में लिप्त है। वह विभिन्न प्रकार की शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की आड़ में अवैध धर्मांतरण के काम करता है। इस काम के लिए विदेशों से बड़े पैमाने पर फंडिंग की जा रही है।
जांच के दौरान यह भी पता चला कि यह देश का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेंट संचालित करता है। गैर मुस्लिमों को गुमराह कर उन्हें भयाक्रांत कर धर्मान्तरित करता है। यह भी बात समाने आई है कि कलीम सिद्दीकी अपना ट्रस्ट चालने के अलावा तमाम मदरसों की फंडिंग भी करता है जिसके लिए मौलाना कलीम को विदेशों से भारी धनराशि हवाला और अन्य माध्यमों से भेजी जाती है।
गौरतलब है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी (64 वर्ष) मंगलवार शाम सात बजे अन्य साथी मौलानाओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हूमायुंनगर की मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के आवास पर एक कार्यक्रम में आए थे। करीब रात नौ बजे इशा की नमाज के बाद वह अपने साथियों के साथ कार में फुलत के लिए निकले थे। इस दौरान परिजन ने उन्हें फोन किया लेकिन मोबाइल बंद मिला। परिजन ने जानकारी मेरठ में इमाम शारिक को दी।
परिवार और परिचितों ने मौलाना की तलाश शुरू की, लेकिन जानकारी नहीं मिली। इसके बाद लोगों की भीड़ लिसाड़ीगेट थाने पर जुट गई। देर रात तक हंगामा चलता रहा। कुछ समय बाद जानकारी मिली की मौलाना को एटीएस ने हिरासत में ले लिया है। संदिग्ध गतिविधि के चलते सिद्दीकी सुरक्षा एजेंसी के निशाने पर थे। मौलाना के मेरठ आने की जानकारी एजेंसी को पहले से थी। उन पर कई धर्मांतरण कराने के आरोप हैं।
इनपुट-एजेंसी