गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कोविड-19 महामारी के दौर में स्कूलों को शुल्क न दिये जाने की तेज होती मांग को अव्यावहारिक करार देते हुए गुरुवार (16 जुलाई) को कहा कि इससे राज्य के छह लाख से ज्यादा स्कूल बंद हो जाएंगे। द्विवेदी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि फीस न लेने की मांग किया जाना व्यावहारिक नहीं है क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो छह लाख से ज्यादा स्कूल बंद हो जाएंगे। स्कूलों को पहले ही निर्देश दे दिये गये हैं कि वे फीस जमा करने में असमर्थ अभिभावकों पर दबाव न डालें, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा ''उत्तर प्रदेश में 1.69 लाख सरकारी स्कूल और छह लाख से ज्यादा निजी स्कूल हैं और अगर फीस नहीं ली गयी तो सभी निजी स्कूल बंद हो जाएंगे। अगर सरकार अगस्त में स्कूल खोलने के लिये कोई दिशानिर्देश जारी करती है तो फिर तंत्र को सम्भालना बेहद मुश्किल हो जाएगा।''
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी के इस मुश्किल दौर में भी अपने कर्मचारियों को वेतन दिया और निजी संस्थाओं से भी अपने कर्मियों को पूरी तनख्वाह देने को कहा है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हथियाने वाले शिक्षकों के खिलाफ हो रही कार्रवाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद से अब तक 4000 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की गयी और गलत तरीके से नौकरी पाने वाले 1500 से ज्यादा शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। द्विवेदी ने कहा कि किसी ने भी नहीं सोचा था कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्र भी आनलाइन कक्षाओं में पढ़ेंगे। करीब 90 प्रतिशत छात्र आनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं।