लखनऊ: प्रस्तावित समाजवादी धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का नेतृत्व मुलायम सिंह यादव द्वारा करने का ऐलान करने वाले उनके भाई सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने आज कहा कि जहां मुलायम खड़े हो जाते हैं, वहीं से समाजवादी पार्टी की शुरूआत होती है।
शिवपाल की यह टिप्पणी अमिताभ बच्चन की मशहूर फिल्म कालिया के डॉयलाग से मिलती जुलती है, अमिताभ ने फिल्म में कहा था, हम जहां खड़े हो जाते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है। इसी तर्ज पर शिवपाल ने ट्वीट कर कहा, जहां नेताजी (मुलायम) खडे हो जाते हैं, वहीं से समाजवादी पार्टी की शुरूआत होती है।
मोर्चा बनाने के शिवपाल के प्रयास को मुलायम परिवार में शिवपाल के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी में पुन:स्थापित करने की कोशिश माना जा रहा है। वह चाहते हैं कि मुलायम पार्टी के मुखिया फिर से बनें। फिलहाल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं, जिन्होंने पिता से पार्टी की कमान छीन ली थी।
हमारी जिंदगी बर्बाद करने में कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी: मुलायम सिंह
विधानसभा चुनाव में सपा के खराब प्रदर्शन के बाद से ही शिवपाल मांग कर रहे हैं कि अखिलेश पद से हटें और पार्टी की बागडोर मुलायम के हाथ में दें। मुलायम ने ही 1992 में सपा का गठन किया था। शिवपाल ने कहा, उन्होंने (मुलायम) धर्म निरपेक्षता के लिए जिन्दगी और कई सरकारें दांव पर लगा दीं इसलिए हम नेताजी के साथ खडे हैं और खडे रहेंगे।
मुलायम ने भी मैनपुरी में कहा कि सपा को मजबूत करने के प्रयास होने चाहिए। सपा के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए मुलायम ने कांग्रेस के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया।
मुलायम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उनके जीवन को बर्बाद करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी थी और उनके बेटे अखिलेश ने कांग्रेस से ही गठजोड कर लिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस के साथ गठबंधन ही पार्टी की मौजूदा खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार है। मैंने अखिलेश को सलाह दी थी कि वह ऐसा ना करे लेकिन उसने किया। सपा अपनी हार के लिए खुद जिम्मेदार है ना कि प्रदेश की जनता।
मुलायम पहले भी हार के लिए अखिलेश को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि उनके बेटे ने उनका अपमान किया। साथ ही बोले कि मतदाताओं ने महसूस किया कि जो अपने पिता का नहीं है वह किसी और का विश्वासपात्र नहीं हो सकता। उधर, जसवंत नगर विधानसभा सीट पर चुनाव जीते शिवपाल ने धमकी दी है कि यदि अखिलेश ने मुलायम को पार्टी की कमान नहीं सौंपी तो वह धर्म निरपेक्ष मोर्चे का गठन करेंगे।