मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की एक अदालत ने दहेज की खातिर गर्भवती महिला की हत्या करने के मामले में पति और ससुर को आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं सबूतों के अभाव में महिला की सास को बरी कर दिया गया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता भगत सिंह आर्य ने बताया, "यह मामला निकटवर्ती हाथरस जनपद के गांव नगला आलिया का है जहां पिता और पुत्र ने मिलकर पहले महिला का गला घोंटकर हत्या कर दी और फिर उसे खुदकुशी का रूप दिए जाने के लिए फांसी पर लटका दिय। उच्च न्यायालय के आदेश पर यह मामला सुनवाई के लिए मथुरा के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) को भेज दिया गया था।”
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने बताया, "हाथरस निवासी सौदान सिंह ने अपनी बेटी रेखा की शादी 18 फरवरी 2010 को धर्मेन्द्र सिंह के साथ की थी। शादी के बाद से ही ससुराल वाले रेखा को दहेज की खातिर परेशान करने लगे थे। 28 मार्च 2011 को ससुराल वालों ने रेखा की गला दबाकर हत्या कर शव को रस्सी के सहारे लटका दिया था। जिस समय रेखा की मौत हुई थी, वह 6-7 माह की गर्भवती थी।”
सौदान सिंह ने इस मामले में रेखा के पति धर्मेन्द्र, ससुर फूल सिंह और सास श्यौरानी देवी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सौदान सिंह ने मुकदमे को मथुरा न्यायालय स्थानांतरित किए जाने का प्रार्थनापत्र इलाहबाद उच्च न्यायालय में दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की सुनवाई अपर जिला जज/ एफटीसी जहेन्द्र पाल सिंह की अदालत में होने लगी।