लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी के खिलाफ लखनऊ में विधानसभा का घेराव करने जा रहे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस विधायक दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा सहित पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इन्हें कांग्रेस कार्यालय के बाहर से ही गिरफ्तार किया।
दरअसल, पुलिस ने इन्हें रोकने की कोशिश की थी, जिसके बाद पुलिस के साथ कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की हुई और फिर उनकी गिरफ्तारी की गई। बता दें कि शाहनवाज आलम को पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में संलिप्तता के आरोप में सोमवार देर रात को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के मुताबिक, हिंसक प्रदर्शन के दौरान आलम घटनास्थल के पास ही मौजूद थे।
वहीं, शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पुलिस की कार्रवाई को दमनकारी और अलोकतांत्रिक बताया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘देखिए किस तरह उत्तर प्रदेश पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे में उठाया। पहले फर्जी आरोपों को लेकर हमारे प्रदेश अध्यक्ष को चार हफ़्ते के लिए जेल में रखा। ये पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है।"
कांग्रेस महासचिव ने कहा "कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश पुलिस को दमन का औज़ार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं। कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठियों और फर्जी मुकदमों से नहीं डरने वाले।"
आपको बता दें कि इससे पहले आलम को गिरफ्तार किए जाने के बाद सोमवार की देर रात को भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पार्टी विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा समेत कई नेता और कार्यकर्ता हजरतगंज कोतवाली पहुंचे। यहां नारेबाजी भी हुई। जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं। इसमें पार्टी युवा शाखा के महासचिव शिवम त्रिपाठी समेत कई कार्यकर्ताओं को चोटें आईं।