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विकास दुबे कानपुर से उज्जैन कैसे पहुंचा? गिरफ्तारी से पहले आखिरी बार फरीदाबाद में दिखा था

उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विकास को पुलिस ने मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 09, 2020 11:23 IST
विकास दुबे कानपुर से उज्जैन कैसे पहुंचा? गिरफ्तारी से पहले आखिरी बार फरीदाबाद में दिखा था
Image Source : INDIA TV विकास दुबे कानपुर से उज्जैन कैसे पहुंचा? गिरफ्तारी से पहले आखिरी बार फरीदाबाद में दिखा था

कानपुर/उज्जैन: उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विकास को पुलिस ने मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया है। विकास ने पिछले सप्ताह खुद को पकड़ने पहुंची पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी कर आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद से ही पुलिस विकास दुबे की तलाश कर रही थी। विकास दुबे इस कांड का मुख्य आरोपी है जिस पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था।

कानपुर के अपने गांव बिकरू में हत्याकांड को अंजाम देने के बाद ही विकास दुबे और उसके गुर्गे फरार हो गए थे। पहले खबरें आईं कि हो सकता है कि विकास नेपाल भाग गया हो। इसके अलावा फिर खबरें यह भी आईं कि विकास बिहड़ में छिपा हो सकता है। लेकिन, फिर पता चला कि विकास दिल्ली-NCR में है। ऐसे में हत्याकांड के बाद पहली बार मंगलवार को विकास दुबे फरीदाबाद में एक होटल के सीसीटीवी में देखा गया। 

दरअसल, वह मंगलवार दोपहर करीब 12.30 बजे फरीदाबाद के बड़खल चौक के पास एक होटल में कमरा मांगने के लिए पहुंचा था। यहां उसने अपना नाम अंकुर बताया था। लेकिन, उसके पास होटल में कमरा लेने के लिए जरूरी डोक्युमेंट नहीं थे। उसके पास सिर्फ पैन कार्ड था। ऐसे में होटल ने उसे कमरा नहीं दिया। इसकी जानकारी पुलिस को बुधवार को हुई, जिसके बाद पुलिस होटल पहुंची और सीसीटीवी खंगाले।

सीसीटीवी में विकास दुबे देखा गया। वह होटल में कमरा नहीं मिलने के बाद वह वहां से ऑटो में बैठकर निकला। इसके बाद वह यहां से सड़क के रास्ते मध्य प्रदेश के उज्जैन पहुंचा। वह गुरुवार को यहां स्थित महाकाल मंदिर पहुंचा और खुद के विकास दुबे होने का ऐलान किया। पुजारी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस विकास दुबे को लेकर जा रही थी तब भी वह चिल्ला रहा था कि मैं हूं विकास दुबे कानपुर वाला।

विकास के इस प्रकार उज्जैन जाकर भीड़ भाड़ में खुद को विकास दुबे बताने से साफ पता चलता है कि यूपी पुलिस के ताबड़तोड़ एन्काउंटर के बाद उसे भी अपने मारे जाने का डर सता रहा था। विकास दुबे भीड़ के बीच में खुद को सुरक्षित मान रहा था। बता दें कि उसके तीन साथियों को पुलिस ने पिछले 24 घंटों में हमीरपुर, कानपुर और इटावा में ढेर कर दिया है।

बता दें कि विकास दुबे का अपराध जगत से गहरा नाता रहा है। राजनीति संरक्षण के कारण उसका अपराध फलता-फूलता रहा। अपने संरक्षण के लिए राजनीति का भी उसने चोला ओढ़ रखा था। इसके खिलाफ 60 अपराधिक मुकदमें दर्ज है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्घेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था।

कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास पर जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है। 2004 में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे हत्या मामले में भी विकास पर आरोप है। वहीं 2018 में अपने ही चचेरे भाई अनुराग पर विकास दुबे ने जानलेवा हमला करवाया था। इस दौरान भी विकास जेल में बंद था और वहीं से सारी साजिश रची थी। इस मामले में अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों को नामजद किया था।

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