नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यूपी सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए सजग है। सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार अभियान शुरू करने जा रही है। इसके अलावा अन्य उपाय भी किए जाएंगे। मंत्रियों और अफसरों के बंगलों या सरकारी कार्यालयों में डेंगू का लार्वा मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग हर रविवार को एंटी मास्क्यूटो ड्राई-डे भी मनाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह शुक्रवार को स्वास्थ्य निदेशालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे। जहां उन्होंने कहा कि जापानी बुखार में टीकाकरण में हमे 103 फीसदी सफलता मिली। उन्होंने यह भी बताया कि 2016 के अंदर डेंगू के 15033 केस आये। जिसको देखते हुए स्वास्थ विभाग ने इस बार पहले से कैम्पेन शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा अप्रैल महीने से ही एंटी लार्वा केम्पेन की शुरुआत की गई थी। जिसमें इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए बर्तनों, कूलर में पानी न जमे और जल निकासी की उचित व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हर सीएमओ को ये निर्देश दिए गए है कि वो अपने जिले में एन्टी लार्वा का छिड़काव करवाये। जिसकी रिपोर्ट भी हमारे पास कुछ ही दिनों में आ जाएगी। उन्होनें बताया कि पिछले दिनों लखनऊ के एसएसपी कार्यालय में डेंगू का लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किया गया था। इसलिए अब सभी जिलों के सीएमओ को बिना किसी संकोच के डेंगू का लार्वा मिलने पर छापेमारी का आदेश दिया गया है।
इसके अंतर्गत यदि उन्हें किसी जगह डेंगू के लार्वा मिलते हैं तो वह पांच हजार रुपए तक के जुमार्ने की कार्रवाई कर सकते हैं। यदि कार्रवाई में कहीं राजनैतिक बाधा आती है तो वे उससे निपटने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि डेंगू को रोकने के लिए जागरूकता जरूरी है इसलिए कई सरकारी विभागों के बीच तालमेल के साथ इस अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। शिक्षा विभाग को जागरूकता अभियान में शामिल करते हुए स्कूली बच्चों के बीच कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्कूलों के अंदर हेल्थ एजुकेटर बच्चो को डेंगू से बचने के तरीके बताए जाएंगे। जिले में सीएमओ के साथ ही डीएम को भी समीक्षा बैठक के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में 10 बेड और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 5 बेड डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में फीवर हेल्प डेस्क तैयार की गई है ताकि मरीजों को इंतजार नहीं करना पड़े। इसके अलावा लखनऊ में 70 टीमें बनाई गई हैं जिसमें एक टीम 6 दिन में एक वार्ड कवर करती है।