लखनऊ. हाथरस में हुई घिनौनी घटना पर अब जमकर सियासत हो रही है। कांग्रेस, सपा, बसपा सहित तमाम राजनीतिक दल हाथरस की घटना के विरोध में जमकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इस सबके बीच यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बड़ा बयान दिया है।
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उन्होंने कहा है कि हाथरस मामले की पीड़िता के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार जैसी कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने आगे कहा कि लड़की की मौत गर्दन में चोट लगने और मानसिक आघात के कारण हुई। सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। हम देखेंगे कि ऐसा कौन कर रहा है।
प्रशांत कुमार ने कहा कि दिल्ली में पीड़िता के किए गए पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण गले में चोट होने के कारण उसके दौरान हुआ ट्रॉमा है। फोरेंसिक रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि सैंपल्स में किसी तरह के स्पर्म और शुक्राणु नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि स्थानीय पत्रकारों द्वारा पीड़िता का एक वीडियो आज सामने आया है जिसमें पीड़िता ने अपनी जीभ भी दिखाई है। जहां तक जीभ काटने और कटने की बात थी वो सरासर गलत थी।
अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल गठित किया। उन्होंने कहा कि इस घटना में जो लोग भी शामिल हैं उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मेडिकल रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार के खिलाफ गलत बयानी की गई और पुलिस की छवि को खराब किया गया। हम पड़ताल करेंगे कि यह सब किसने किया। यह एक गंभीर मामला है और सरकार तथा पुलिस महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर बेहद संजीदा है।’’
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गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा क्षेत्र में 19 वर्षीय एक दलित लड़की से कथित रूप से बलात्कार किया गया था। वारदात के दौरान गला दबाए जाने से उसकी जबान भी कट गई थी। लड़की को पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था जहां गत मंगलवार को उसकी मौत हो गई। इस घटना को लेकर पूरे देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुआ और अब इस पर सियासत भी खासी गर्म हो गई है।
With inputs from ANI/भाषा