लखनऊ। हाथरस मामले में बुधवार को सीबीआई ने इलाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जांच के लिए और वक्त मांगा है। सीबीआई ने कहा कि जांच में अभी और वक्त लगेगा इसलिए वह आज स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकती। सीबीआई ने कोर्ट से जांच पूरी करने के लिए 18 दिसम्बर तक वक्त मांगा है। हाथरस मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी 2021 तय की गई है। हाथरस प्रकरण में डीएम हाथरस और एसपी रहे विक्रांतवीर को अगली सुनवाई में पेश होना होगा।
27 जनवरी 2021 को होने वाली सुनवाई में हाथरस कांड का पीड़ित परिवार भी कोर्ट में पेश होगा। हाईकोर्ट ने आज फिर सरकार से डीएम प्रवीण कुमार को अब तक न हटाये जाने पर सवाल किया जिस पर सरकारी पक्ष के वकील ने कहा कि सीधे तौर पर डीएम के खिलाफ कोई शिकायत नहीं आयी है। पीड़िता की वकील ने आरोप लगाया कि डीएम के खिलाफ शिकायत की कॉपी प्रशासन ने अब तक कोर्ट के सामने पेश नहीं की।
बचाव पक्ष ने दावा किया कि अंतिम संस्कार रीति रिवाजों को ध्यान में रखकर किया गया है जिसपर पीड़िता की वकील ने कहा कि हिंदुओं में अविववाहित लड़कियों का अंतिम संस्कार जलाकर नहीं बल्कि दफनाकर होता है। इस बात पर कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में पीड़िता के परिवार को भी बुलाया जाए ताकि वो साफ कर सकें कि वो अंतिम संस्कार जलाकर करना चाहते थे या दफनाकर।
हाईकोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञानहाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस पंकज मितल और जस्टिस राजन रॉय की खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर ‘गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार’ शीर्षक से जनहित याचिका दर्ज किया है। इस केस की पहले सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में ही होने का आदेश दिया था।
मालूम हो कि 25 नवंबर को हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में सीबीआई ने हाथरस केस में विवेचना की प्रगति रिपोर्ट पेश की थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि 10 दिसंबर तक मामले की जांच पूरी होने की संभावना है। जांच में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि फोरेंसिक रिपोर्ट आने में विलंब हो रहा है। सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील एसवी राजू और अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने कहा था कि कुछ राजनीतिक दल हाथरस के डीएम को हटवाना चाहते हैं, जबकि उन्होंने सभी निर्णय सद्भावना में लिए थे। हालांकि कोर्ट ने सरकार के जवाब से खिन्नता जाहिर की थी।
जानिए क्या था मामला
उतर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने कथित रूप से 19 साल की दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस दौरान लड़की को गंभीर चोट आई थी। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। पीड़िता की 30 सितंबर को रात के अंधेरे में उसके घर के पास ही अंत्येष्टि कर दी गई थी। उसके परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया, जबकि स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया।