हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 3 पुलिसकर्मियों और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कथित तौर पर हिरासत में सिक्यॉरिटी गार्ड की मौत के प्रकरण में हत्या का मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार रात को मृतक प्रदीप तोमर के भाई कुलदीप तोमर की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई। करीब डेढ़ महीने पहले 35 वर्षीय प्रदीप को एक महिला की हत्या के मामले में पूछताछ के लिए हापुड़ के पिलखुवा इलाके में छिजारसी पुलिस थाने में हिरासत में लिया गया था।
पिटाई से बुरी तरह बिगड़ी प्रदीप की तबीयत
मृतक के परिवार ने आरोप लगाया था कि प्रदीप को पूछताछ के दौरान बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसकी हालत बुरी तरह बिगड़ गई। आरोप में यह भी कहा गया कि प्रदीप से पूछताछ के दौरान उसका 10 साल का बेटा पुलिस चौकी के बाहर इंतजार करता रहा। हापुड़ के पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 323 (हमला) के तहत क्षेत्राधिकारी संतोष कुमार, थाना प्रभारी योगेश बालियान, उप-निरीक्षक अजब सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
तीनों पुलिसवालों को किया गया सस्पेंड
पुलिस के मुताबिक, थाना प्रभारी बालियान और उप-निरीक्षक सिंह को पहले ही एक कॉन्स्टेबल के साथ निलंबित कर दिया गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी कर मामले पर उनकी रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। आयोग के बयान के अनुसार, मीडिया से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति के मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला है, जिसके लिए राज्य की पुलिस की जवाबदेही बनती है।
मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
NHRC ने पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह को निर्देश दिया है कि वह आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में जानकारी दें। आयोग ने मुख्य सचिव से पीड़ित परिवार की, खास तौर पर मृतक के नाबालिग बेटे की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है जो हिरासत में अपने पिता की कथित यातना और मौत के आघात से गुजर रहा है। NHRC ने कहा, ‘4 सप्ताह में दोनों प्राधिकरणों से विस्तृत रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।’ (भाषा)