नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 46वां जन्मदिन पूरे उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई लोगों ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई से जुड़े कई नेताओं ने मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर जन्मदिन की बधाई दी। अक्सर अपने बयानों के चलते विवादों में रहनेवाले योगी आदित्यनाथ कौन हैं और पूर्वांचल में क्या है इनका रुतबा आइए जानते हैं।
कौन हैं योगी आदित्यनाथ?
-योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह है और वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं।
-योगी ने गढ़वाल यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई की।
-गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था।
-अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
-1998 के लोकसभा चुनाव में मात्र 26 साल की उम्र में ही योगी सांसद बन गए थे।
-2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांचवीं बार गोरखपुर सीट से जीत दर्ज की है।
-उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ी
-कहा जाता है कि गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है।
-योगी आदित्यनाथ के समर्थक नारा भी लगाते हैं, 'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा।'
-उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए।लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई।
-गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया। अली नगर आर्यनगर हो गया।
-पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था।
योगी आदित्यनाथ के मुस्लिम 'भाईजान'
योगी आदित्यनाथ के एक गुरुभाई हुआ करते थे नाम था संत गुलाबनाथ। संत गुलाबनाथ जन्म से तो मुस्लिम थे पर बड़े होकर वो नाथ संप्रदाय के प्रतिष्ठित संत बने। सबसे खास बात ये थी कि योगी आदित्यनाथ और संत गुलाबनाथ दोनों एक ही गुरु के शिष्य भी हैं। गुलाबनाथ जी महाराज का जन्म गुजरात के मुस्लिम परिवार में हुआ था। तब उनका नाम गुल मोहम्मद पठान था लेकिन बाद में उन्होंने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया। उन्होंने नाथ संप्रदाय की दीक्षा ले ली। इसी के साथ गुल मोहम्मद महंत गुलाबनाथ बन गए।
संत गुलाबनाथ के निधन को अब करीब डेढ़ बरस होने जा रहा है। जब वो जीवित थे तो योगी आदित्यनाथ और वो अक्सर मिला करते थे। लेकिन, कहा जाता है कि संतों का रिश्ता मृत्यु से नहीं टूटता। योगी आदित्यनाथ आज जब अपने गुरुभाई को श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो उनका स्वागत उसी तरह से हुआ, जैसे संत गुलाबनाथ के रहते हुए हुआ करता था। योगी ने गुजरात के मेहसाणा में आज तीस साल के हर के पल को याद किया कि कैसे दोनों ने एक ही गुरु से दीक्षा ली और फिर नाथ संप्रदाय को आगे बढ़ाने के लिए संत गुलाबनाथ ने कैसे अपना पूरा जीवन लगा दिया।
ऐसे मजबूत हुआ गुरुभाइयों का रिश्ता
करीब 30 साल पहले की बात है। उन दिनों योगी अपने गुरु अवैद्यनाथ से नाथ संप्रदाय की दीक्षा ले रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात संत गुलाबनाथ से हुई। गुलाबनाथ जी भी अवैद्यनाथ से दीक्षा ले रहे थे। गुलाबनाथ उम्र में योगी से काफी बड़े थे बावजूद इसके दीक्षा के दौरान ही दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। इसके बाद बढ़ते वक्त के साथ दोनों गुरुभाइयों का रिश्ता मजबूत होता गया।
जब गुलाबनाथ जी जिंदा थे, तो योगी अक्सर उनसे मिलने विसनगर के आश्रम जाया करते थे। योगी सांसद थे, लेकिन गुरुभाई जब भी याद करता था वो सीधे गुजरात पहुंच जाया करते थे। जब गुलाबनाथ बापू का 6 दिसंबर 2016 को 86 वर्ष की उम्र में निधन हुआ था, उस वक्त योगी उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे। इस खास मौके पर सीएम योगी ने कहा कि गुलाबनाथ बापू का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था, लेकिन हिंदू धर्म में उनकी गहरी आस्था थी। एक बार जब बापू गुलाबनाथ गोरखपुर मठ गए थे तो उन्हें योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी ने सम्मानित भी किया था।