दिल्ली से लगे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लोनी रोड पर हिंडन नदी के किनारे बने हज हाउस को मंगलवार को पुलिस ने सील कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर कार्रवाई करते हुए मंगलवार को हज हाउस के गेटों को सील लगाकर बंद कर दिए। समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान बने इस हज हाउस में सीवर की ठीक से व्यवस्था नहीं होने की बात सामने आ रही है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने टिप्पणी में कहा है कि परिसर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) नहीं होने के कारण पास से जा रही हिंडन नदी इसके चलते और प्रदूषित हो सकती है। साथ ही हज हाउस के गंदे पानी से जमीनी पानी के भी प्रदूषित होने का खतरा है। गाजियाबाद हज हाउस नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ऐसी सख्त टिप्पणी और आदेश के बाद सील कर दिया गया है।
एनजीटी के आदेश पर हज हाउस को एसटीपी ना होने की वजह से सील किया गया है। एसटीपी का निर्माण होने के बाद हज हाउस को खोला जा सकता है। -प्रदीप दूबे, सिटी मजिस्ट्रेट
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने 6 फरवरी को बिना एसटीपी हज हाउस को सील करने का आदेश दिया था। आज उसी पर अमल किया गया है। - अशोक कुमार तिवारी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
ये हज हाउस उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार के दौरान बनाया गया था। उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान भी ये हज हाउस चुनावी मुद्दा रहा था। इस हज हाउस का 30 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने शिलान्यास किया। 05 सितंबर 2016 को तत्कालिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उदघाटन किया। इसे बनाने में 51.30 करोड़ रुपए की लागत आई थी। इस हज हाउस में 47 डोरमेट्री हैं साथ ही 36 वीआईपी कमरे हैं।