नोएडा: उत्तर प्रदेश में गरीब बेटियों की शादी के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जनपद गौतम बुद्ध नगर में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। दहेज में मिलने वाले सामान और रकम के लालच में पहले से शादीशुदा 11 जोड़ों ने सरकारी आयोजन में दोबारा शादी रचा ली। इस खबर से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया।
जिलाधिकारी बी एन सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। यह समिति घोटाले की जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट देगी।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 24 फरवरी को ग्रेटर नोएडा के वाईएमसीए क्लब में 66 जोड़ों का विवाह जिला प्रशासन ने संपन्न कराया था। प्रत्येक नवदंपति को शासन की योजना के तहत 20 हजार रुपए नगद, गहने, उपहार तथा अन्य सामान दिया गया था।
बताया जाता है कि इस योजना में मिलने वाली रकम, ज्वेलरी और अन्य सामान के लालच में 11 शादीशुदा जोड़ों ने फिर से शादी रचा ली। यह सभी जोड़े दनकौर थाना क्षेत्र के चिति नगला गांव के रहने वाले हैं। तीन जोड़ों के तो बच्चे भी हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिला कार्यक्रम अधिकारी पीके सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की है जो मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने बताया कि अगर आरोप सही पाए गए तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में यह पहला घोटाला नहीं है। इससे पहले औरैया जनपद में नवदंपतियों को उपहार में मिलने वाली पायल, बिछुए चांदी की जगह लोहे की निकली थी। इस मामले की भी जांच चल रही है।