गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत पर आज अफसोस जताते हुए कहा कि कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमीशनखोरी चल रही थी। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति के लिए 68 लाख रुपये की मांग के उलट शासन द्वारा 2 करोड़ रुपये 5 अगस्त को ही जारी कर दिए गए थे, लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा भुगतान 11 अगस्त को किया गया और वह भी 20 लाख रुपये.. ऐसा क्यों हुआ क्योंकि वहां कमीशनखोरी चल रही थी।
प्रिंसिपल के लालच ने ली मासूमों की जान
यूपी के मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर के के गुप्ता ने साफ साफ कहा कि बच्चों की मौत की वजह एनसेफिलाइटिस या ऑक्सीजन की कमी नहीं...गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के फॉर्मर प्रिंसिपल राजीव मिश्रा का लालच है।
64 बच्चों की मौत के पीछे घूसकांड
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के पास पैसे की कमी नहीं थी। ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी की पेमेंट के लिए पैसा पूरा था लेकिन कंपनी ने जब राजीव मिश्रा को पेमेंट में उनका कट...उनका कमीशन देने से इनकार कर दिया तो राजीव मिश्रा ने कंपनी की पेमेंट रोक दी। इसके बाद कंपनी ने ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी। जिसके बाद 64 मासूम बच्चों की जान चली गई।
स्वतंत्रता दिवस के पूर्व एक दिन शहीदों के नाम से आयोजित अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन के मौके पर यहां आए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, जापानी बुखार नाम की बीमारी कल ही नहीं आई है, इससे प्रदेश के 38 जिले प्रभावित हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन 3000-4000 मरीज आते हैं। हमारी सरकार प्रभावित जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पैडियाट्रिक्स आईसीयू में वेंटिलेटर्स की सुविधाएं मुहैया करा रही है ताकि मरीजों को शहरों में न आना पड़े।
उल्लेखनीय है कि गोरखपुर स्थित बाबा राघवदास बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 48 घंटे में 30 से अधिक बच्चों की मौत के बाद गत शनिवार को उार प्रदेश सरकार ने बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था और प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच बैठाई।