नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों राज्यों में हुए उपचुनाव से सियासी समीकरण बदल गए हैं। जिस चुनाव को 2019 का सेमीफाइनल कहा जा रहा था उसमें बीजेपी को बहुत बड़ा झटका लगा है। यूपी में तो सारी भविष्यवाणी फेल हो गई। सपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की सीटें उनसे छीनी हैं, जो उनके लिए सबसे प्रतिष्ठा वाली सीटें थीं। गोरखपुर और फूलपुर दोनों सीट सपा की झोली में गई है।
बुआ-बबुआ का गणित काम कर गया
गोरखपुर और फूलपुर से आए आंकड़े बता रहे हैं कि बुआ और बबुआ की जोड़ी ने कमाल कर दिया है यही वजह है कि सीएम योगी और बीजेपी का सबसे मजबूत किला गोरखपुर ढह गया। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मायावती की जोड़ी ने बीजेपी का चैन छीन लिया।
वहीं, बिहार में अकेले तेजस्वी यादव ने सियासी अखाड़े में बीजेपी और जेडीयू के मजबूत गठजोड़ को करारी पटखनी दे दी। अररिया लोकसभा सीट पर RJD उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। जहानाबाद विधानसभा सीट पर भी आरजेडी ने जीत दर्ज की है तो भभुआ विधानसभा सीट बीजेपी ने जीत ली है।
योगी के गढ़ में बीजेपी की हार
गोरखपुर
1991- बीजेपी की जीत
1996- बीजेपी की जीत
1998- बीजेपी की जीत
1999- बीजेपी की जीत
2004- बीजेपी की जीत
2009- बीजेपी की जीत
2014- बीजेपी की जीत
2018- बीजेपी की हार
जश्न में डूबे सपा-बसपा के कार्यकर्ता
अखिलेश और मायावती की जोड़ी ने गोरखपुर और फूलपुर में बीजेपी को झटका दिया तो सपा और बसपा कार्यकर्ता गोरखपुर से लेकर फूलपुर तक जश्मन डूब गए। गोरखपुर की सड़कें लाल टोपी से रंग गईं तो फूलपुर में खुशी में सराबोर कार्यर्ताओं ने पटाखेबाजी की। लखनऊ में जीत वाली होली खेली गई तो इलाहाबाद में भी जश्न मनाया जा रहा है।