गोण्डा (उप्र): अनामिका शुक्ला के फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में नौकरी किए जाने का मामला सामने आने के बाद जिले के सीर बनकट गांव की असली अनामिका शुक्ला को जिले के एक वित्त पोषित विद्यालय प्रबंधक ने नियुक्ति पत्र सौंपा है। इस बीच, विभिन्न पार्टियों ने इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। जिले के तरबगंज तहसील के रामपुर टेंगरहा में स्थित भैया चंद्रभान दत्त स्मारक विद्यालय के प्रबंधक दिग्विजय पाण्डेय ने शुक्ला को शुक्रवार को अपने विद्यालय के प्राथमिक अनुभाग में सहायक अध्यापक के पद पर अस्थाई रूप से नौकरी दी है। नियुक्ति पत्र में उन्होंने शुक्ला को कार्यभार ग्रहण करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।
गौरतलब है कि राज्य के कई जिलों के कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालयों में अनामिका शुक्ला के फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी किए जाने का मामला सामने आने पर बीते मंगलवार को असली अनामिका शुक्ला प्रकट हुई। उसने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर अपने शैक्षिक अभिलेखों का अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए खुद को बदनाम करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की थी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद अब जिले के भाजपा सांसद कीर्ति वर्धन सिंह ने भी अनामिका शुक्ला से जुड़े पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा घोटाला केवल कोई संगठित गिरोह ही कर सकता है और यह उच्च पदों पर बैठे भ्रष्ट व्यक्तियों से बिना मिलीभगत के संभव नहीं है। इससे पहले, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ट्वीट कर कहा था कि यूपी सरकार को अनामिका शुक्ला से माफी मांगनी चाहिए। वह गरीबी में जी रही है और यह नहीं जानती कि उसके नाम पर क्या हो रहा है। यह लूट की प्रणाली है। अनामिका को न्याय और सुरक्षा दी जानी चाहिए।
उधर, अनामिका के परिवार से उनके आवास पर मिलने गए कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने आरोप कि जिले में एक सिंडिकेट काम कर रहा है जो शिक्षा विभाग में कॉलेजों को मान्यता, अनुदान और नौकरियां दिलाने तक कुछ भी कर सकता है। इसे राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ है। इस बीच, संबंधित घटनाक्रम में कासगंज और अम्बेडकर नगर पुलिस ने अनामिका शुक्ला के प्रमाण पत्रों पर नौकरी करने वाली दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। कासगंज जिले में अनामिका शुक्ला के फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी कर रही सुप्रिया जाटव को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह त्यागपत्र देने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंची थी।