लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में कई दिग्गज नेताओं की किस्मत भी दांव पर है। जिनमें कैबिनेट मंत्री आजम खान, पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान, आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद और कांग्रेस के इमरान मसूद शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के दूसरे चरण की 67 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 15 फरवरी को होगा। इनमें 12 सीटें अनुसुचित जाति के लिए आरक्षित हैं। कुल 721 उम्मीदवार मैदान में है।
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रामपुर विस सीट से आजम खान (सपा), तनवीर अहमद खान (बसपा) और शिव बहादुर सक्सेना (बीजेपी)
रामपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खां चुनाव मैदान में हैं। आजम खां को मुस्लिम राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता है और अखिलेश कैबिनेट में मंत्री भी हैं। अब तक आजम खान 7 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं।
यह आजम की शख्सियत ही है कि रामपुर उन्हें चुनाव में निराश नहीं करता। लेकिन इस बार रामपुर का मुकाबला दिलचस्प होने की संभावना है। वजह ये है कि आजम खान के खिलाफ बीएसपी ने डॉ तनवीर अहमद को उतारा है। बीजेपी ने शिव बहादुर सक्सेना को मैदान में उतारा है। इससे पहले वो 1980 में आजम के खिलाफ चुनाव लड़े थे और 17, 815 वोट से हार गए थे। शिवबहादुर सक्सेना बीजेपी की सीट से 1996 में स्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे।
स्वार-टांडा विस सीट से अब्दुल्ला आजम
स्वार-टांडा विधानसभा सीट की लड़ाई इस बार दिलचस्प हो गया है। क्योंकि यहां से सपा-कांग्रेस गठबंधन ने कैबिनेट मंत्री आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम को मैदान में उतारा है। पहली बार अब्दुल्ला चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बसपा से वर्तमान विधायक नवेद मियां फिर चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मी सैनी पिछली बार 13 हजार वोटों से हार गई थीं। इसके बावजूद बीजेपी ने सैनी पर दोबारा विश्वास जताया है। सैनी को 2012 में कांग्रेस के नावब काज़िम अली ने हराया था।
नौगावां विस सीट से पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान
अमरोहा जिले के नौगावां सादात विधानसभा सीट से पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। चेतन चौहान, निफ्ट के चेयरमैन भी रह चुके हैं। हालांकि, जावेद आब्दी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जो अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। सपा के विधायक अशफाक अली को टिकट नहीं मिला तो वो रालोद के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं।
तिलहर विस सीट से जितिन प्रसाद
तिलहर विधानसभा सीट से जितिन प्रसाद कांग्रेस-सपा गठबंधन के उम्मीदवार हैं। जितिन प्रसाद 2 बार सांसद रहे हैं और वो जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं। राहुल गांधी की यंग ब्रिगेड टीम के जितिन प्रसाद प्रमुख चेहरे माने जाते हैं। तिलहर में जितिन के उतरने से समीकरण बदले हैं तो कटरा में भी इसकी संभावना बढ़ी है।
बरेली कैंट विस सीट से राजेश अग्रवाल
बीजेपी के हैवीवेट कैंडीडेट राजेश अग्रवाल छठी बार जीत का दम भर रहे हैं। राजेश पांच बार से विधायक हैं और एक बार मंत्री भी रहे हैं। बीएसपी की ओर से राजेंद्र गुप्ता मैदान में हैं। राजेंद्र व्यापारी नेता हैं। और हाल ही में कमल के फूल को छड़कर हाथी पर सवार हुए हैं। एसपी-कांग्रेस गठबंधन होने के बाद ये सीट कांग्रेस के खाते में आई है। कांग्रेस ने यहां से नवाब मुजाहिद हसन खान को टिकट दिया है। हसन 2012 में चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे।
नकुर विस सीट से इमरान मसूद
कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद वेस्ट यूपी की सियासत में खास दखल रखते हैं और जाना माना चेहरा हैं। लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अमर्यादित टिप्पणी कर चर्चाओं में आए कांग्रेस नेता इमरान मसूद नकुड़ सीट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। बीजेपी प्रत्याशी धर्मसिंह सैनी बीएसपी के टिकट से पिछली बार चुनाव जीते थे। इस बार वो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे है। बीएसपी प्रत्याशी नवीन चौधरी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।