गाजियाबाद: प्रशासन ने गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार को श्मशान घाट में हुए हादसे में मारे गए लोगों के परिवार को 10-10 लाख रुपये देने का फैसला किया है। इसके अलावा जिस भी मृतक का परिवार किराए के मकान में रह रहा है, उसे काशी राम योजना के तहत घर दिया जाएगा। सोमवार को प्रशासन ने पीड़ित लोगों को यह आश्वसन दिया।
इसके साथ ही प्रशासन ने पीड़ित बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा मुहैया कराने का भी आश्वासन दिया। प्रशासन ने घायलों के परिवार को भरोसा दिया कि घायलों के ठीक होने के बाद उन्हें सरकारी नौकरी दी जाएगी। यह नौकरियां उनकी योग्यता के आधार पर दी जाएगी। प्रशासन ने आरोपियों के घरों की कुर्की करने का भी फैसला लिया है।
बता दें कि हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। हादसे को लेकर लोगों में प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। हादसे में मारे गए तीन लोगों की लाशों को उनके परिवार वालों ने गाजियाबाद-मेरठ हाईवे पर रखकर सोमवार को प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन की वजह से गाजियाबाद-मेरठ रास्ते पर भयंकर जाम लग गया।
गाजियाबाद के मुरादगर इलाके में श्मशान घाट में छत गिरने से हादसा हुआ था, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई जबकि 17 अन्य घायल हो गए। पीड़ितों में करीब सभी लोग एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे। पुलिस ने इस मामले में तीन गिरफ्तारियां कर ली हैं।
पुलिस ने जिन लोगों की गिरफ्तारी की गई है, उनमें नगर पालिका परिषद की ईओ निहारिका सिंह, जे ई चंद्रपाल और सुपरवाइजर को गिरफ्तार किया गया है। अभी तक ठेकेदार पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाया है, वो फरार है।
पुलिस ने बताया कि जब छत ढही, तो बारिश से बचने के लिए कई लोग इमारत के नीचे खड़े थे जिसे हाल ही में बनाया गया था। इस हादसे में जिन लोगों की मौत हुई, वे सभी पुरूष और जयराम के रिश्तेदार या पड़ोसी थे, जिनका उस वक्त वहां अंतिम संस्कार किया जा रहा था।
बचावकर्मी यह सुनिश्चित करने के लिए घंटों तक मलबा हटाते रहे कि कहीं कोई और उसमें न फंसा हो। यह हादसा मुरादनगर के उखलारसी में हुआ और इस घटना के बाद श्मशान घाट पर सबसे पहले स्थानीय लोग पहुंचे। उसके बाद पुलिस पहुंची और फिर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की इकाई पहुंची थी।