गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश): भारत में नए आईटी कानून लागू होने के बाद से सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गाजियाबाद पुलिस ने एक बार फिर से नोटिस भेजकर ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी और रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर धर्मेंद्र चतुर को लोनी बॉर्डर थाने में पेश होने के लिए कहा है।
ट्विटर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वरी को बुलाने के लिए गाजियाबाद पुलिस ने यह दूसरा नोटिस भेजा है। पुलिस ने तब भी उन्हें यहां इस महीने की शुरुआत में एक मुस्लिम व्यक्ति पर हुए कथित हमले से संबंधित मामले की जांच में शामिल होने को कहा था। वहीं, अब एक बार फिर से गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें थाने बुलाया है।
नोटिस में गाजियाबाद पुलिस द्वारा कहा गया कि 'ट्विटर पर जो भी गतिविधियां हो रही हैं, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं।' गाजियाबाद पुलिस ने नोटिस में कहा कि 'हिदायत देने के बाद भी आप ट्वीट्स को नहीं हटा पाए। भारतीय कानून को आप समझते हैं और यह मानने के लिए बाध्य हैं।'
गौरतलब है कि गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून को एक वीडियो पोस्ट को लेकर मामला दर्ज किया था, जिसमें अब्दुल समद सैफी नाम के बुजुर्ग व्यक्ति ने दावा किया कि पांच जून को गाजियाबाद के लोनी इलाके में कुछ लोगों ने उन्हें पीटा और ‘‘जय श्री राम’’ बोलने के लिए मजबूर किया। पुलिस ने दावा किया है कि साम्प्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए यह वीडियो साझा किया गया था।
पुलिस ने कहा है कि यह घटना ‘तावीज’ से जुड़े एक विवाद का नतीजा थी, जो बुजुर्ग व्यक्ति अब्दुल समद सैफी ने कुछ लोगों को बेचा था और उसने मामले में किसी में किसी भी साम्प्रदायिक पहलू को खारिज कर दिया। सैफी बुलंदशहर जिले के रहने वाले हैं।
वीडियो को लेकर देश भर में लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी थीं। इसमें सैफी को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि था उन पर कुछ युवकों ने हमला किया और ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया।