नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का तीसरा खंड राष्ट्र को समर्पित किया। यह खंड डासना से हापुड़ तक 22 किलोमीटर की दूरी तय करता है और इसकी लागत 1,058 करोड़ रुपये है।
दिल्ली-मेरठ के बीच जाम की समस्या से निजात और ईंधन की बचत के लिए इस एक्सप्रेसवे को विकसित किया जा रहा है। 82 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का दिल्ली से उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक का पहला खंड पहले ही जनता के लिए खोला जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई 2018 को इसे राष्ट्र को समर्पित किया था।
इस पूरी परियोजना पर 8,346 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसमें छह लेन के एक्सप्रेसवे पर दोनों तरफ दो-दो लेन की सर्विस लेन हैं। इसमें पिलखुवा में छह लेन की 4.68 किलोमीटर लंबी ऊपरगामी सड़क भी है। इस परियोजना में गंगा नहर के ऊपर एक बड़ा पुल, सात नए छोटे पुल, हापुड़ बाइपास पर एक ऊपरगामी पुल, 11 अंडरपास, दो ऊपरगामी पैदल पारपथ का निर्माण शामिल है।
पिलखुवा पर बने इस पुल को निर्माण प्रौद्योगिकी में नवोन्मेष के लिए स्वर्ण पदक दिया गया है। वहीं पिलखुवा वायाडक्ट को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के असाधारण कंक्रीट ढांचे के पुरस्कार से नवाजा गया है। दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे परियोजना को चार चरणों में तैयार किया जा रहा है। पहला 8.72 किलोमीटर लंबा छह लेन का एक्सप्रेसवे आठ लेन एनएच-24 सरायकाले खां दिल्ली से गाजीपुर सीमा तक जून 2018 में पूरा हो चुका है।
उसके बाद 19.28 किलोमीटर 6- लेन एक्सप्रेसवे एनएच 24 गाजीपुर सीमा से डासना उत्तरप्रदेश तक है। इसमें 60 प्रतिशत काम हो चुका है। तीसरे चरण में 22.23 किलोमीटर लंबा 6- लेन के एनएच-24 पर डासना से हापुड़ तक है जिसमें दोनों तरफ दो- दो लेन की सर्विस रोड़ है। इसका उद्घाटन किया गया है। चौथे चरण में 31.78 किलोमीटर लंबा 6- लेन का एक्सप्रेसवे हापुड़ से मेरठ तक का है जिसपर 57 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।