नोएडा: ग्रेटर नोएडा में स्थित सुपरटेक इको विलेज (I) में कोरोना वायरस से संक्रमित दो मरीज मिलने के बाद पूरी सोसाइटी को बंद करने का विवाद अब शांत हो गया है। इस सोसाइटी में रहनेवाले लोगों और जिला प्रशासन के बीच इसको लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने मंगलवार सुबह इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके यह जानकारी दी। पुलिस आयुक्त के मीडिया प्रभारी अभिनेंद्र सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा स्थित सुपरटेक इकोविलेज (प्रथम) सोसाइटी में सोमवार को कोविड-19 से संक्रमित दो मरीज मिले थे। सोमवार को इन मरीजों की जांच रिपोर्ट आई थी जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम शाम को उक्त सोसाइटी को बंद करने पहुंची तो वहां के निवासी उग्र हो गए।
निवासियों ने जिला प्रशासन की टीम का विरोध करते हुए कहा कि जिस टावर में मरीज मिले हैं, सिर्फ उसी टावर को बंद किया जाए। पूरी सोसाइटी को बंद करना ठीक नहीं है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जब लोगों को बताया कि कोविड-19 से जुड़े नियम के तहत 500 मीटर क्षेत्र को बंद करना पड़ेगा और इस दायरे में यह सोसाइटी भी आती है तो लोग मानने को तैयार नहीं थे।
सिंह ने बताया कि देर रात तक समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया गया और सोसाइटी को पूरी तरह से बंद करके कोविड-19 के नियम के तहत उसे संक्रमण मुक्त करने का कार्य शुरू किया गया। मीडिया प्रभारी ने बताया कि लोगों का भ्रम अब दूर हो गया है और अब पूरी सोसाइटी बंद की जा चुकी है।
उन्होंने बताया की रोजमर्रा की सभी सामग्री सोसाइटी के अंदर ही उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि अब लोगों में भ्रम की स्थिति नहीं है। वहीं इसी सोसाइटी में रहने वाले एक व्यक्ति समीर भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली-मुंबई के साथ-साथ एनसीआर की अन्य सोसाइटी में भी संक्रमित मरीज मिलने के बाद केवल सोसाइटी के टावर या फ्लैट को ही बंद किया किया जाता है लेकिन गौतम बुद्ध नगर में प्रशासन ने सोसाइटी बंद करने को लेकर अलग-अलग दिशानिर्देश जारी कर रखे हैं।
वहीं दादरी के उप संभागीय मजिस्ट्रेट राजीव राय ने बताया कि सोसाइटी को बंद कर दिया गया है। ऐसा करने के दौरान कुछ लोगों ने आकर अपनी बात रखी थी लेकिन समझाने-बुझाने के बाद वे शांत हो गए। उन्होंने बताया कि सोसाइटी को संक्रमण मुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।