लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मंगलवार को दावा किया कि हाथरस में 19 साल की युवती के साथ रेप नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई। कुमार ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ रेप नहीं हुआ था। यूपी पुलिस के बयान के मुताबिक, ‘हाथरस में बालिका के साथ दुराचार की घटना को लेकर प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट, दिल्ली सफदरजंग हॉस्पिटल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट हो अथवा विधि विज्ञान प्रयोगशाला में हुए गहन परीक्षण की रिपोर्ट, तीनों में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।’
‘चोट से लगे सदमे से हुई मौत’
गुरुवार को उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि दिल्ली के अस्पताल से हाथरस के केस में प्राप्त पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की मृत्यु का कारण गले में चोट लगने से होने वाला सदमा है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जो सैंपल एकत्रित किए गए थे, उससे दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होती। एडीजी ने कहा कि कतिपय अराजक तत्वों प्रदेश में गलत तरीके से, जातीय तनाव पैदा करने के लिए माहौल खराब करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा, ‘हालांकि पुलिस ने शुरू से इसमें ससमय प्रभावी कार्रवाई की। आगे भी विधिक कार्यवाही की जाएगी।’
‘सीएम ने किया है SIT का गठन’
उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो प्रदेश में सामाजिक सद्भाव और जातीय हिंसा फैलाना चाहते थे। एडीजी ने कहा कि जवाबदेह अधिकारियों के कहने के बावजूद अपने तरीके से चीजों को मीडिया में गलत तथ्यों के आधार पर मोड़ना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘हाथरस प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री जी ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी में गृह सचिव स्तर के अधिकारी, डीआईजी स्तर के अधिकारी और एक महिला एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। एसआईटी की तहकीकात में निश्चित ही बड़ी साजिश का पर्दाफाश होगा।’