अयोध्या: श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से धोखाधड़ी करते हुए सितंबर में निकाले गए छह लाख रुपये के मामले में अयोध्या पुलिस ने मुंबई निवासी चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। अयोध्या के डीआईजी दीपक कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से कुछ लोगों ने क्लोन चेक के माध्यम से दो बार में 2.50 लाख और 3.50 लाख रुपये निकाले थे। ट्रस्टियों के जाली हस्ताक्षरों के साथ यह धोखाधड़ी की गई थी।
2.5 लाख रुपये और 3.5 लाख रुपये के दो क्लोन चेक का उपयोग करके अयोध्या के भारतीय स्टेट बैंक से महाराष्ट्र में पंजाब नेशनल बैंक में राशि हस्तांतरित की गई थी। लखनऊ में एक एसबीआई क्लियरिंग हाउस में तीसरे क्लोन चेक की जांच के बाद घोटाले का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने बताया कि सभी बदमाशों ने साथ मिलकर यह धोखाधड़ी की। आरोपियों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चेक का क्लोन बनाकर दो बार में मुंबई की बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से छह लाख रुपये निकाले और आपस में बांट लिए। इसके बाद उन्होंने 9.86 लाख रुपये का एक और क्लोन चेक बैंक में डाला, मगर इस बार उनकी मंशा सफल नहीं हो पाई।
धोखाधड़ी का तब पता चला, जब बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अधिक मूल्य का चेक मिलने पर इसकी जांच करनी चाही और उन्होंने ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय से संपर्क किया गुजारिश की कि वे यह सत्यापित करें कि उन्होंने उच्च-मूल्य वाले चेक पर हस्ताक्षर किए हैं या नहीं। राय द्वारा यह पुष्टि किए जाने के तुरंत बाद लेनदेन रोक दिया गया कि उन्होंने इस तरह की कोई मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद खाता सीज कर लिया गया था।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान मुंबई निवासी प्रशांत शेट्टी (40) और महाराष्ट्र के ठाणे निवासी तीन व्यक्ति विमल लल्ला (40), शंकर सीताराम गोपाले (54) और संजय तेजराज (35) के रूप में हुई है। हालांकि, इस घोटाले का मास्टरमाइंड अभी भी फरार है, जो बनारस का निवासी है। अयोध्या डीआईजी ने कहा कि इस धोखाधड़ी में बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।