नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में कानपुर पुलिस एक बार फिर सवालों के कठघरे में खड़ी है। पुलिस पर आरोप है कि उसकी लापरवाही की वजह से एक शख्स की उसके किडनैपर्स ने हत्या कर दी और एक महीने बाद हत्याकांड का पता चला। 22 जून को कानपुर में संजीत यादव नाम के शख्स का उसके दोस्तों ने अपहरण कर लिया। 29 जून को परिवार वालों के पास फिरौती के लिए फोन आया था, जिसके बाद पुलिस ने परिवार वालों से कहा था कि वो 30 लाख रुपये दे दें और संजीत को छुड़ा लिया जाएगा लेकिन कानपुर पुलिस फेल हो गई।
अपहरण करने वाले पैसे भी ले गए और संजीत यादव को भी नहीं छुड़ा पाए। हत्या के करीब एक महीने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने संजीत की हत्या की बात कबूली है। संजीत की मौत की जानकारी मिलते ही परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार वाले इसके लिए पुलिस वालों को ही जिम्मेदार मान रहे हैं।
पुलिस ने चार आरोपितों को दबोच लिया है पर शव नहीं मिला है। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि आरोपितों ने 26 या 27 जून को ही संजीत की हत्याकर शव पांडु नदी में फेंक दिया था। ऐसी जानकारी मिल रही है। शव की तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं।
पुलिस के अनुसार, हिरासत में ली गई कल्याणपुर की महिला, उसके रिश्तेदार और सचेंडी कैंधा के दो युवकों से पूछताछ जारी है। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उनके साथ घटना में संजीत के साथ काम करने वाला पनकी निवासी एक अन्य युवक भी शामिल था। उसकी लोकेशन नोएडा मिलने पर पुलिस टीम भेजी गई है।