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उत्तर प्रदेश के 500 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित, 275 गांवों का संपर्क पूरी तरह से कटा

उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार के बावजूद 16 जिलों के 500 से ज्यादा गांव सैलाब से प्रभावित हैं।

Reported by: Bhasha
Published : August 12, 2020 18:35 IST
उत्तर प्रदेश के 500 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित, 275 गांवों का संपर्क पूरी तरह से कटा
Image Source : PTI उत्तर प्रदेश के 500 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित, 275 गांवों का संपर्क पूरी तरह से कटा 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में कुछ सुधार के बावजूद 16 जिलों के 500 से ज्यादा गांव सैलाब से प्रभावित हैं। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बुधवार को बताया कि इस समय प्रदेश के 16 जिलों आंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, गोण्डा, गोरखपुर, खीरी, कुशीनगर, मऊ, संतकबीर नगर तथा सीतापुर के 523 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से 275 गांवों का संपर्क बाकी स्थानों से पूरी तरह कट गया है। उन्होंने कहा कि कहीं भी बाढ़ की स्थिति बेहद चिंताजनक नहीं है और सैलाब से घिरे गांवों की संख्या में धीरे-धीरे कमी हो रही है। 

गोयल ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ पीड़ितों के ठहरने के लिए कुल 300 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं। मौजूदा वक्त में 3 जिलों के 16 शरणालयों में 1226 लोग रह रहे हैं। हालात पर नजर रखने के लिए प्रभावित इलाकों में कुल 735 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और राहत तथा बचाव कार्य के लिए 645 नौकाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री का निरंतर वितरण किया जा रहा है अब तक 56783 खाद्यान्न किट बांटी जा चुकी हैं। राहत आयुक्त ने बताया कि प्रभावित जिलों में बाढ़ से घिरे लोगों का पता लगाने और उनके बचाव के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ और पीएसी की सात टीमें लगाई गई हैं। बाढ़ पीड़ितों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 265 मेडिकल टीमें भी बनाई गई हैं। 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं बाढ़ राहत शरणालयों में रह रहे किसी भी व्यक्ति में ज्वर, खांसी, सिरदर्द होने पर उन्हें बाकी शरणार्थियों से अलग किया जाय और कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के मद्देनजर आवश्यकता अनुसार जांच, भर्ती, उपचार की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि राहत शिविर में रह रहे वृद्धों, महिलाओं तथा बच्चों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुविधायें तथा सामग्री उपलब्ध करायी जाय। सेनेटाइजेशन तथा स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। पशुओं के लिये चारे की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

इस बीच, केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक शारदा नदी पलियाकलां (लखीमपुर खीरी) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा घाघरा नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

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