नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले में होमगार्डों की ड्यूटी लगाने के मामले में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के संबंध में नोएडा पुलिस की अपराध शाखा ने होमगार्ड विभाग के पांच अधिकारियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि ऐसा पता चला था कि ड्यूटी से नदारद रहने वाले होमगार्डों की फर्जी तरीके से हाजिरी लगाकर होमगार्ड विभाग के अधिकारियों ने करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में उनके स्तर से एक जांच करायी गई थी। जांच की रिपोर्ट दो माह पूर्व शासन को भेजी गई थी। शासन ने भी इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में 13 नवंबर को थाना सूरजपुर में होमगार्ड विभाग के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच पुलिस कर रही थी। इसी बीच, 18 नवंबर की रात को जिला कलेक्टर स्थित जिला होमगार्ड कमांडेंट के कार्यालय में आग लग गई जिससे उक्त घोटाले से संबंधित दस्तावेज नष्ट हो गए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच कर रही अपराध शाखा ने वर्तमान संभागीय कमांडेंट एचजी राम नारायण चौरसिया, असिस्टेंट कंपनी कमांडर सतीश, प्लाटून कमांडर मोंटू तथा सतवीर और शैलेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला है कि ये लोग ड्यूटी से गैरहाजिर रहने वाले होमगार्डों के मस्टररोल में हेरफेर कर उनका पूरा वेतन बैंक से निकाल लेते थे।
वैभव कृष्ण ने बताया कि जांच के दौरान यह बात संज्ञान में आई है कि थानों के जीडी के हिसाब से जितने दिन होमगार्डों की तैनाती होती थी, उतने दिन की हाजिरी थाना प्रभारी द्वारा मस्टररोल में प्रमाणित करके दी जाती थी। उसके बाद ये लोग वास्तविक मस्टररोल को फाड़ देते थे, तथा थाना प्रभारियों की फर्जी मोहर और हस्ताक्षर के माध्यम से फर्जी मस्टररोल बनाते थे। उसके आधार पर जिला कमांडेंट बैंक से होमगार्डों का वेतन ले लेता था। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि फर्जी तरीके से निकाले गए होमगार्डों के वेतन का एक बड़ा हिस्सा अधिकारी रख लेते थे, तथा कुछ हिस्सा उन होमगार्डों को भी दिया जाता था, जिनकी फर्जी उपस्थिति दिखाकर पैसा निकाला जाता था।
वैभव कृष्ण ने बताया कि यह करोड़ों रुपये का घोटाला है। इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। इस मामले में और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि इनके पास से कुछ फर्जी दस्तावेज और मोहर आदि बरामद हुई हैं। इस मामले ने पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। चर्चा है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के बाद भी डीजी होमगार्ड ने इस मामले को दो महीने तक दबाए रखा, तथा उन्होंने जांच कमेटी कमेटी बनाकर इस मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया। चर्चा है कि इस बीच दस्तावेजों के साथ भी छेड़छाड़ की गई तथा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया।