कानपुर: कानपुर में सोमवार को कोरोना संक्रमित पहले मरीज की मौत हो गई लेकिन इसकी पुष्टि मंगलवार को सुबह जांच रिपोर्ट आने के बाद हुई। इसकी जानकारी मिलने के बाद अब स्वास्थ्य महकमे समेत पुलिस और प्रशासन के माथे पर शिकन बढ़ गई है। दो दिन तक जिस निजी अस्पताल में मरीज का इलाज चला, उसे सील कर दिया गया है। साथ ही अस्पताल में उसके संपर्क में आए सभी लोगों की तलाश तेज से की जा रही है।
जिस 49 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है वह कानपुर में एक मस्जिद के मुतवल्ली का भाई था। घर पर अचानक उसकी तबियत खराब होने पर घर वालों ने उसे चुन्नीगंज स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने किडनी और मधुमेह का रोगी मानते हुए उसका इलाज शुरू कर दिया था। दो दिन बाद हालत बिगड़ने पर उसे हैलट अस्पताल रेफर कर दिया था, जिसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी दी गई थी।
मृतक का घर हॉट स्पॉट क्षेत्र में है। ऐसे में इन बातों को ध्यान में रखते हुए उसे कोरोना संदिग्ध मानकर कोविड-19 हॉस्पिटल के न्यूरोसइंस सेंटर आइसीयू में भर्ती किया गया था। उसका नमूना शनिवार को लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। रिपोर्ट आने से पहले ही सोमवार शाम को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था। मौत के बाद सपा विधायक इरफान सोलंकी शव लेने पहुंचे थे और देर रात कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मेडिकल टीम की निगरानी में शव को दफनाया गया।